बेपरवाह ग्रामपंचायत (करेली) : कूडे के ढेर के पास से रोज गुजरते है स्कूल के बच्चो, बीमारी का खतरा

करगैना से महज 800 मीटर की दूरी पर है करेली गांव

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ बरेली 

संवाददाता योगेश श्रीवास्तव

बरेली । प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओ मे से एक है लेकिन ग्राम पंचायत करेली मे स्वच्छ भारत मिशन मूँह चिड़ा रहा है

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती।

कितनी शर्मिन्दगी की बात है कि हर कोई अपना घर तो जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी सारी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियों, सड़को और चौराहों पर फेंक देते है। ये नहीं सोचते कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी साफ रखना हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का नहीं आएगा साफ करनें, इसे हमें ही साफ करना है।

स्वच्छ भारत मिशन के प्रयासो को तार तार कर रही करेली गांव की गंदगी, आपको बताते चले कि बदायूं बरेली रोड से पराग दूध के प्लांट के बराबर से लगभग 800 मीटर की दूरी पर स्थित करेली गांव है, जहाँ पर प्राथमिक विद्यालय 2 मे जाने का मैंन रास्ता है, जिस पर तमाम यहाँ के निवासी के साथ साथ स्कूल जाने वाले बच्चे भी इसी रास्ते से निकलते हैं जहाँ पर पुरे गांव की गंदगी और कूड़ा डालने का ठिकाना बना रखा है, यहाँ पर कूड़ा डालने की नहीं है कोई ब्यबस्था, यहाँ के लोगों के साथ साथ सफाई कर्मचारी भी अपने ठेले का सारा कूड़ा यही डालते हैं इस रास्ते से आने जाने वाले लोगो और बच्चो को होती है बहुत परेशानी, यहाँ के तमाम लोगो का कहना है की यहाँ की सफाई ब्यबस्था चरमराई हुई है, यहाँ के प्रशासन से निवेदन है की यहाँ की सफाई ब्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए।

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