क्या चाचा भतीजे में फिर बढ़ रही दूरियां, आखिर क्यों प्रदेश कार्यालय सपा विधायकों की बैठक में नहीं शामिल हुए शिवपाल

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार बनी है। अब प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी है। आजमगढ़ लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद करहल विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा सकते हैं। पार्टी के सूत्र यह बता रहे हैं कि इस बार भाजपा की सरकार घेरने के लिए वह सड़क से संसद तक कदम उठाएंगे।
बैठक में शिवपाल नहीं हुए शामिल 
क्या अखिलेश यादव और उनके चाचा विधायक शिवपाल सिंह यादव के बीच में सबकुछ ठीक नहीं है। ऐसी चर्चाएं इसलिए तेज हो गई हैं क्योंकि आज सपा विधायकों की बैठक प्रदेश कार्यालय में हो रही है। इस मीटिंग में खुद अखिलेश मौजूद हैं लेकिन शिवपाल सिंह यादव इस मीटिंग में नहीं गए हैं। शिवपाल का कहना है कि उन्हें इस मीटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। शिवपाल का तो यहां तक कहना है कि अगले कदम के बारे में जल्द ही बताऊंगा।
अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता बन सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि अखिलेश अब पूरी तरह से उत्तर प्रदेश पर फोकस करना चाहते हैं। इसीलिए, उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया। विधानसभा में उनकी मौजूदगी से पार्टी के अन्य विधायकों को ज्यादा मजबूती मिलेगी।
वह भाजपा सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेर सकते हैं। इसके अलावा आजम खान के जेल में बंद होने के चलते और राम गोविंद चौधरी के चुनाव हार जाने की वजह से फिलहाल सपा के पास कोई बड़ा चेहरा नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दिखाई नहीं दे रहा है।

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