आखिर किसके हाथों में सौंपी जाएगी भाजपा संगठन की कमान, क्या ब्राह्मणों को साधने में जुटेगी भाजपा

सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पूरा होने के साथ ही मंत्रियों को लेकर दस मार्च से चल रही अटकलें तो समाप्त हो गईं, लेकिन अब चर्चा के केंद्र में भाजपा संगठन है। चूंकि, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है, इसलिए तय है कि संगठन की कमान अब नए हाथों में सौंपी जाएगी।
माना जा रहा है कि पार्टी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के सफल फार्मूले पर भरोसा जताते हुए फिर से ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। सामने कई चेहरे हैं भी, लेकिन मंत्रिपरिषद गठन में पार्टी द्वारा किए गए अचंभित करने वाले प्रयोग ने किसी भी दावे या अटकलों में पहले जैसा दम नहीं छोड़ा है।
विधानसभा चुनाव की जीत में केंद्र और राज्य सरकार के डबल इंजन ने ताकत लगाई तो उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका सरकार और संगठन के डबल इंजन की रही। योगी सरकार-2.0 के गठन में 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की तैयारी की झलक भी नजर आ रही है। क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को खूब ख्याल रखा गया है।
पिछड़ों और अनुसूचित वर्ग को मंत्रिपरिषद में तवज्जो मिली है तो ब्राह्मण समाज से आठ मंत्री बनाकर सरकार ने उस अफवाह को भी पूरी तरह बेदम कर दिया है कि भाजपा सरकार में इस वर्ग की अनदेखी की गई। बहरहाल, अब बारी संगठन की है। प्रश्न यह है कि एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत को अपना चुकी भाजपा अब स्वतंत्र देव सिंह के स्थान पर किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी? संगठन में ही कई तरह की अटकलें हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More