भारत के आखिरी मुगल शासक ‘बहादुर शाह जफर’ की मजार पर पहुंचे राष्ट्रपति

0
म्यांमार यात्रा पर पहुंचे कोविंद ने अपने बयान में कहा कि भारत और म्यांमार की दोस्ती अल्पकालिक लक्ष्यों से संचालित नहीं है बल्कि इसमें परस्पर शांति, प्रगति एवं समृद्धि की सतत तलाश रहती है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की क्षेत्रीय अखंडता तथा एकता को कायम रखने का नई दिल्ली समर्थन करता है।
अपने म्यांमार के समकक्ष यहां राजकीय भोज में कोविंद ने कहा कि म्यांमार के साथ भारत की साझेदारी मित्रता, पड़ोसीपन और साझा हितों के अहम तिराहे पर है। उन्होंने राष्ट्रपति विन मिंट, प्रथम महिला दाव चो चो और विदेश मंत्री आंग सान सू ची की विनम्रता और उनके आतिथ्य को भी सराहा। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
म्यांमार यात्रा पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार (13 दिसंबर, 2018) को भारत के आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर गए। यांगून (रंगून) में स्थित मुगल बादशाह की मजार पर कोविंद के साथ फर्स्ट लेडी सविता कोविंद भी मौजूद रहीं। कोविंद, जफर के समक्ष सम्मान व्यक्त करने के लिए मजार पर फूल भी लेकर पहुंचे।

राष्ट्रपति पूरब के देशों के साथ मिल कर काम करने की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और पड़ोसी देशों के संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ के तहत म्यांमार और भारत के बीच उच्च स्तरीय संपर्कों के सिलसिले को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से म्यामांर की यात्रा पर हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने यांगून में ही श्री काली मंदिर में भगवान के दर्शन भी किए।

यहां उन्होंने प्रार्थना की। इससे पहले बुधवार को म्यामांर में शहीदों के समाधि स्थल पर पुष्पचक्र रखा और जनरल आंग सान की कुर्बानी को याद किया। सान देश की काउंसलर आंग सान सू ची के पिता थे। यह समाधि स्थल यांगून में है और यह आंग सान और स्वतंत्रता से पहले की सरकार के अन्य नेताओं को सर्मिपत है।
इन सभी की हत्या 1947 के जुलाई महीने में कर दी गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि कोविंद ने म्यामांर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कोविंद और फर्स्ट लेडी सविता ने श्वेदागोन पगोडा के दर्शन भी किए। यह बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है।
यह भी पढ़ें: आरोप: जीत के जश्‍न में कांग्रेस‍ियों ने लहराए पाक‍िस्‍तानी झंडे, पुल‍िस ने कहा वीड‍ियो फर्जी
विन मिंट के म्यामां का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कोविंद यहां के पहले राजकीय अतिथि बने हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है, क्षमता निर्माण किया जा रहा है और वाणिज्य तथा सांस्कृतिक सरोकार भी बढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश साझा जल, वन और पहाड़, सांस्कृति, खानपान, भाषा और इतिहास के जरिए जुड़े हुए हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More