SSCGD-2018 की हर परीक्षा पास करने पर भी नहीं मिली नौकरी तो अभ्यार्थी बोले- “भर्ती दो या अर्थी दो”

SSCGD-2018 के अभ्यर्थी ने कैमरे के सामने सुनाई। व्हीलचेयर पर क्यों? क्योंकि 4 मार्च 2022 से वह अपनी मांग को लेकर आमरण अनशन पर थे। अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें सेना में नियुक्ति दी जाए। क्योंकि वह परीक्षा पास हैं। दौड़ निकाल चुके हैं और मेडिकली फिट हैं। सरकार के पास पद भी खाली है।
SSC यानी स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने 21 मई 2018 को कॉस्टेबल की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला। भर्ती की संख्या विज्ञापन निकालते समय 54 हजार थी। लेकिन बाद में इसे 60,210 कर दिया गया। ये भर्तियां CRPF, BSF, CISF, NIA और असम राइफल्स में होनी थी। 21 जुलाई 2018 से 20 जुलाई 2018 तक फॉर्म भरे गए।
फॉर्म भरने वालों की उम्र 18 से 23 के बीच तय की गई। यानी 2 अगस्त 1995 के पहले पैदा हुए और 1 अगस्त 2000 के बाद पैदा हुए अभ्यर्थी अप्लाई नहीं कर सकते थे। कुल 52,20,335 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा। फरवरी 2019 में लिखित परीक्षा हुई तो 30,41,284 अभ्यर्थी शामिल हुए। 22 लाख अभ्यर्थी परीक्षा ही नहीं देने गए। लिखित परीक्षा के बाद 5,54,903 अभ्यर्थियों को अगस्त 2019 में फिजिकल परीक्षा के लिए बुलाया गया। इस परीक्षा में सिर्फ 5 किमी की दौड़ थी। लांग या हाई जंप नहीं था।
फिजिकल परीक्षा में 3,83,860 छात्र शामिल हुए। इसमें 1,75,370 अभ्यर्थियों ने फिजिकल परीक्षा को भी पास कर लिया। जनवरी 2020 में इन सभी अभ्यर्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया गया जहां 1.09 लाख अभ्यर्थी पास हो गए। यहीं मामला फंस गया। एसएससी के पास पद 60,210 थे और पास होने वाले अभ्यर्थी 49 हजार अधिक थे। भर्ती रुक गई। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ने आंकड़े जारी किए तो अभ्यर्थी उम्मीद से भर गए।

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