दिल्ली पुलिस ने किडनी रैकेट का किया भंडाफोड़, गिरोह में डॉक्टर समेत 10 लोग गिरफ्तार

आर जे न्यूज़, नई दिल्ली, 02, जून ,2022।

दिल्ली पुलिस ने एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस ने हौज खास और आसपास के इलाकों में गरीबों और बेघरों को टारगेट कर पैसों का लालच देकर किडनी का व्यापार करने वाले गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) बनिता मैरी जैकर के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में एक डॉक्टर भी शामिल है। दिल्ली के साउथ दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के हौज खास थाने में एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज हुआ था। मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस ने एक डॉक्टर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर के अलावा पकड़े गए अन्य आरोपी टेक्नीशियन और हेल्पर हैं।

आरोप है कि ये गरीब वर्ग के लोगों को अधिक पैसे का लालच देकर उनकी एक किडनी ले लेते थे। आरोपियों की पहचान कुलदीप रे विश्वकर्मा (सरगना), सर्वजीत जेलवाल (37), शैलेश पटेल (23), मोहम्मद लतीफ (24), विकास (24), रंजीत गुप्ता (43), डॉ. सोनू रोहिल्ला (37), डॉ. सौरभ मित्तल (37), ओम प्रकाश शर्मा (48) और मनोज तिवारी (36) के रूप में की गई है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने हरियाणा के सोनीपत में एक ऑपरेशन थिएटर बना रखा था। गरीब लोगों को अधिक पैसे का लालच देकर अपने जाल में फंसा ये लोग उन्हें सोनीपत ले जाते और ऑपरेशन कर एक किडनी निकाल लिया करते थे। इस काम के लिए उन्हें 30,000-40,000 रुपये कमीशन के रूप में दिए जाते थे। इस गिरोह के अन्य सदस्य उनके संपर्क में रहा करते थे जिन्हें किडनी की जरूरत होती थी।

पूछताछ में पता चला कि कुलदीप रे विश्वकर्मा इस रैकेट का मुख्य मास्टरमाइंड था, जिसने दूसरों को अवैध ट्रांसप्लांट के लिए राजी किया था। कुलदीप ने अपराध को अंजाम देने के लिए सोनू रोहिल्ला के क्लिनिक को भी चुना। उसने अन्य सभी आरोपी व्यक्तियों को भुगतान किया था। गिरोह ने पिछले 6-7 महीनों के दौरान गोहाना सेटअप में 12-14 अवैध प्रत्यारोपण किए थे। आरोपी 20 से 30 साल के युवा लड़कों को अपना निशाना बनाता था, जिन्हें पैसों की सख्त जरूरत रहती थी।

एक किडनी के बदले गिरोह मोटी रकम वसूल करता था। दिल्ली पुलिस का दावा है कि पिछले छह महीने में ही ये गिरोह 14 लोगो को टारगेट कर चुका है. इस गिरोह के लोग क्लाइंट की तलाश करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे। पुलिस पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल डेटा और दूसरी जानकारियां खंगाल रही है।

रिपोर्ट: भावेश पिपलिया

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