एटा : सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव की बढ़ी मुश्किले

एटा : समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव  और उनके भाई जुगेंद्र सिंह यादव की संपत्ति जब्ती की तैयारी शुरू की गई है। जुगेंद्र यादव जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। इन दोनों भाइयों पर पुलिस और प्रशासन की ओर से करीब 80 केस दर्ज किए गए हैं।

सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अलावा अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में अब दोनों भाइयों की करीब 29 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

रामेश्वर सिंह यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर तीन बार विधायक रहे हैं। एटा के अलीगंज विधानसभा चुनाव से उन्होंने पहली बार वर्ष 1996 में जीत दर्ज कर विधानसभा तक का सफर तय किया था। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भी वे इस सीट से जीते, लेकिन वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर तीसरी बार सपा उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। 69 वर्षीय रामेश्वर सिंह यादव के दो बेटे और दो बेटियां हैं।

एटा जिला प्रशासन की ओर से रामेश्वर यादव और उनके भाई की 29 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। जिला और जिले से बाहर की उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। संपत्ति जब्ती को लेकर बनाई गई सूची में 3 स्कॉर्पियो, 1 फॉर्च्यूनर, 1 एमजी हेक्टर, 1 मर्सिडीज और 1 ऑडी कार को भी शामिल किया गया है। उनके खिलाफ अवैध कमाई के जरिए संपत्ति अर्जित किए जाने का आरोप है। एटा के डीएम अंकित अग्रवाल ने 18 जून को कुर्की का आदेश जारी किया था। दोनों भाई और उनकी पत्नी के नाम पर 28,81,00,549 रुपये की चल और अचल संपत्ति है।

क्या है पूरा प्रकरण
रामेश्वर यादव और जुगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ सरकारी जमीनों पर कब्जा के मामले में गैंगस्टर एक्ट समेत 80 मामले दर्ज हैं। पूर्व विधायक रामेश्वर यादव के खिलाफ 78 केस दर्ज हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 81 मुकदमे दर्ज हुए हैं। रामेश्वर यादव को पुलिस ने पहले ही गैंगस्टर एक्ट में आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया है

 वहीं, जुगेंद्र सिंह यादव की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। दोनों के खिलाफ पुलिस ने सरकारी जमीन जबरन हड़पने को लेकर उत्तर प्रदेश गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (गैंगस्टर एक्ट) 1986 की धारा 2/3 के तहत में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए उन पर गैंग बनाकर काम करने का आरोप लगा।

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