श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद की तारीख़ टलकर 18 जुलाई हुई

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

समवाददाता 

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई सोमवार को टल गयी. 7 जुलाई को विपक्ष में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने न्यायालय में दलीलें पेश की थीं. न्यायालय में 30 मिनट तक बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई तय कर दी थी. सोमवार को वादी पक्ष के अधिवक्ता दलील का न्यायालय में जवाब दाखिल करनी थी, लेकिन सुनवाई 18 जुलाई तक टल गयी.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसके तहत जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई पिटिशन में चार पक्ष हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी बोर्ड शामिल है. वादी महेंद्र प्रताप सिंह अधिवक्ता ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई 7 जुलाई को हुई थी. विपक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में अपनी दलील पेश की थीं. खसरा-खतौनी, नगर निगम के दस्तावेज न्यायालय में दाखिल किए हैं. 18 जुलाई को उन सभी दस्तावेजों के जवाब हमारी तरफ से दाखिल किए जाएंगे.

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