पुलिस का आमानवीय चेहरा : न्याय की आस में थाने में बैठी रही मां, गोद में ही बच्ची ने तोड़ दिया दम

हरदोई जिले के पाली थाने में मंगलवार की सुबह से कार्रवाई की आस में बैठी मां की गोद में मासूम बेटी की सांसे थम गईं। मासूम की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने मानवता को दरकिनार कर कार्रवाई करने के बजाए फटकार कर थाने से भगा दिया। गोद में बेटी का शव लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे परिजनों ने पुलिस के अमानवीय व्यवहार की शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई।
पाली थाना क्षेत्र के ग्राम लखमापुर निवासी पुष्पा ने बताया कि जेठ किशनपाल से विवाद चल रहा है। छह जुलाई को उसकी एक माह की बेटी आशिकी की तबीयत खराब हो गई थी। उसी दिन सुबह वह पति रामदेव के साथ बेटी की दवा लेने पाली कस्बा आ रही थी। इसी दौरान गांव के बाहर जेठ ने अपनी पत्नी और बेटों के साथ मिलकर लाठी-डंडों से हमला कर दिया था। हमलावरों ने उसकी गोद से छीनकर बेटी को भी फेंक दिया था।
इससे महिला, उसका पति और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। पति ने थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की थी। वह कस्बा में एक डॉक्टर के यहां बेटी का इलाज करा रही थी। उसने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने उसे थाने बुलाया था। सुबह नौ बजे देवर महेंद्र के साथ बेटी को लेकर थाने पहुंची, जहां पर 10ः30 बजे तक किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी।
इस बीच तबीयत बिगड़ने से थाने में ही बेटी ने दम तोड़ दिया। बेटी की मौत के बाद पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई। आरोप है कि थाने में मौजूद किसी भी पुलिसकर्मी ने उसकी एक न सुनी, उल्टा फटकार लगाकर भगा दिया। शहर कोतवाली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

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