कानपुर आरटीओ प्रशासन सवालों के घेरे में, अभ्यर्थीयोँ का आरोप – लर्निंग टेस्ट में पास होने बावजूद आवेदन किया जा रिजेक्ट

आरटीओ ऑफिस में बैठे अफसर आवेदन कर रहे रिजेक्ट

घर बैठकर ऑनलाइन डीएल बनवाने की सुविधा दलालों के मकड़जाल में फंसकर रह गई है। ऑनलाइन परीक्षा में पास होने के बाद भी आरटीओ ऑफिस में बैठे अफसर आवेदन रिजेक्ट कर दे रहे हैं, ऐसे में अभ्यर्थी लर्निंग डीएल के लिए फेल माना जाता है। ऐसी शिकायतों को लेकर रोजाना आरटीओ प्रशासन, एआरटीओ प्रशासन और आरआई के पास आवेदक चक्कर काट रहे हैं।

अफसरों का कहना है कि नकल रोकने के लिए परिवहन विभाग के पोर्टल सारथी के सॉफ्टवेयर में हुए बदलाव की वजह से आवेदन रिजेक्ट किए जा रहे हैं। परिवहन विभाग ने ऑनलाइन लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सुविधा इस साल अप्रैल से शुरू की थी। जून तक दलालों का खेल लगभग खत्म हो गया था।

जुलाई से सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव के बाद अचानक अभ्यर्थियों के फेल होने का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अप्रैल से अब तक करीब आठ हजार लोगों ने लर्निंग डीएल के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें से साढ़े चार हजार लोगों ने टेस्ट दिया था।

जून तक सिर्फ 256 लोग ही टेस्ट में फेल हुए थे। वहीं, जून से जुलाई तक करीब 1550 लोग फेल हो चुके हैं। आरटीओ के कर्मचारियों-दलालों के नेटवर्क ध्वस्त होने से महज पांच प्रतिशत लर्निंग डीएल के अभ्यर्थी ही फेल होते थे। वहीं, जबतक आरटीओ ऑफिस जाकर परीक्षा देने का नियम था तब फेल होने वालों की संख्या कुल अभ्यर्थियों की 30 से 35 प्रतिशत थी।

पहला मामला-

मयंक तिवारी ने घर बैठकर ऑनलाइन टेस्ट दिया। इनकी आवेदन संख्या 2700555622 थी। इन्होंने परीक्षा में सवालों के सही जवाब देकर 15 में नौ नंबर पाए और परीक्षा पास कर ली। वेबसाइट पर उन्हें परीक्षा में पास होने का रिजल्ट दे दिया गया। दूसरे दिन उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है।

दूसरा मामला-

शुभांशु सक्सेेना ने भी ऑनलाइन टेस्ट दिया। आवेदन संख्या 2694427522 डालकर लॉगिन कर ऑनलाइन टेस्ट दिया। इन्होंने भी परिवहन और ट्रैफिक से जुड़े नौ सवालों के सही जवाब देकर परीक्षा पास कर ली। उसी समय इनकी कंप्यूटर स्क्रीन पर पास होने का रिजल्ट आ गया। तीसरे दिन मोबाइल पर मैसेज आया कि आवेदन रद्द कर दिया गया है।

लाइसेंस का ऑनलाइन आवेदन का काम करने वाले एक युवक ने बताया कि अगर दलाल के माध्यम से टेस्ट दिया जाता है तो आवेदन रिजेक्ट नहीं होते हैं। इसके लिए करीब दो हजार रुपये देने पड़ते हैं। 350 रुपये फीस जमा कर टेस्ट देने वाले ज्यादातर लोग फेल हो रहे हैं।

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