फर्रुखाबादः कोटे की जांच के दौरान तहसीलदार ने बचाई अपनी जान

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अमृतपुर क्षेत्र के गांव कुम्हरौर के मजरा खुशहाली नगला निवासी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह यादव का पुत्र उपेंद्र कोटेदार है। ग्रामीणों की शिकायत पर डीएम ने जिला पूर्ति अधिकारी को जांच करने के आदेश दिए थे। चार दिन पहले पूर्ति निरीक्षक नेहा गुप्ता जांच करने के लिए गांव रम्पुरा नवादा में गईं। वहां बयान दर्ज कराने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। पूर्ति निरीक्षक ने कोटे की दुकान को सील कर दिया और इसकी जानकारी एसडीएम गौरव शुक्ला को दी।
एसडीएम के आदेश पर शुक्रवार को नायब तहसीलदार रवींद्र पाल, पूर्ति निरीक्षक नेहा गुप्ता दो सिपाहियों व दो होमगार्ड के साथ गांव में जांच करने के लिए पहुंचीं। प्राथमिक स्कूल में बयान दर्ज किए जा रहे थे, तभी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह यादव व प्रधान हिमानी सिंह के पति आनंद विक्रम सिंह अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए। ग्रामीणों के बयान देने पर दोनों पक्ष एक-दूसरे का विरोध कर गाली-गलौज करने
लगे।
देखते ही देखते वहां मारपीट होने के बाद पथराव होने लगा।
इससे भगदड़ मच गई कुछ देर में वहां पर फायरिंग होने लगी।
गोलियों की आवाज सुनकर सिपाहियों ने नायब तहसीलदार व पूर्ति निरीक्षक को कमरे में बंद करके बचाया।
अमृतपुर व राजेपुर एसओ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने प्रधान के पति व पूर्व
प्रधान सहित आठ लोगों को हिरासत में ले लिया।
प्रधान के पति की कार से पुलिस ने रायफल, बंदूक व दो डंडे बरामद किए।
पुलिस ने कार को कब्जे में लेकर थाने में खड़ा करवा दिया।
सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि कोटे की जांच के दौरान पूर्व प्रधान व प्रधान के पति व उनके समर्थकों में मारपीट व पथराव की बात सामने आई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो जिले में नहीं बटेगा राशन
जिला संवाददाता दीपक वर्मा राष्ट्रीय जजमेंट

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