हाई कोर्ट ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा रिजल्ट किया रद्द

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने पूर्व सैनिकों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लोक सेवा आयोग को आदेश दिया कि पूर्व सैनिकों को 5 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए नये सिरे से परीक्षा परिणाम घोषित किया जाये। संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को 1 माह का समय दिया है। इसके अलावा कहा है कि रिजल्ट घोषित होने के एक माह के भीतर ही मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किया जाये।

यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने सतीश चंद शुक्ल व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के बाद राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले आरक्षण में बदलाव करते हुए पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी लेकिन इसमें ग्रुप ए और बी को हटा दिया गया। इसके विरुद्ध याचिका दाखिल की गई, जिसमें राज्य सरकार ने जवाब दाखिल कर बताया कि सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है।

1993 से पहले पूर्व सैनिकों को सभी ग्रुप ए, बी, सी और डी की भर्तियों में आरक्षण दिया जा रहा था। ए व बी ग्रुप में आठ फीसदी और बी व सी में तीन फीसदी का आरक्षण दिया जा रहा था। 1993 के बाद नए आरक्षण नियम लागू होने से पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी आरक्षण दिया जाने लगा। बाद में ए व बी ग्रुप में आरक्षण दिया जाना बंद कर दिया गया। इस पर सतीश चंद्र शुक्ला की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में सरकार की ओर से विचार किया जा रहा है।

इस पर कोर्ट ने पांच फीसदी का आरक्षण दिए जाने का आदेश दिया था। उसी आदेश के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 2021 के संशोधित गजट नोटिफिकेशन के तहत पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था बनाई लेकिन उसका पालन न करने पर यह याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया और पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी का आरक्षण का लाभ देते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया है।

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