जनता पर फिर बढ़ा महंगाई का बोझ, आरबीआई ने रेपो दरों में की 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी

रिजर्व बैंक ने एक बार फिर आर्थिक ग्रोथ के मुकाबले महंगाई पर नियंत्रण को प्राथमिकता दी है. देश के केंद्रीय बैंक ने रेपो दरों में आधा प्रतिशत की तेज बढ़त की है. इसके साथ ही रेपो दरें बढ़कर 5.4 प्रतिशत के स्तर पर आ गई हैं. यानि प्रमुख दरें अब कोरोना के स्तर से पहले के स्तर पर पहुंच चुकी हैं. आज के इस फैसले से ईएमआई में बढ़त होना तय है और संभव है कि अगले कुछ दिनों में बैंकों की तरफ से इसके ऐलानों की शुरुआत हो जाएगी. आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजों की जानकारी दी है.
RBI पॉलिसी से जुड़ी अहम बाते
  1. रिजर्व बैंक ने रेपो दरों को आधा प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है. नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू .
  2. एसडीएफ रेट्स 4.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.15 प्रतिशत किया
  3. एमएसएफ दरें 5.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत किया
  4. दूसरी और तीसरी तिमाही में भी महंगाई दर ऊपर रहने का अनुमान
  5. साल 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
  6. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर का अनुमान 6.7 प्रतिशत पर स्थिर
रिजर्व बैंक गवर्नर ने अपने संबोधन में दुनिया भर में बढ़ती महंगाई और मंदी को लेकर चिंता जताई हैं. उन्होने कहा की उभरती हुई अर्थव्यवस्था कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं जिसमें कमजोर घरेलू करंसी और विदेशी फंड का बाहर निकलना और घटता विदेशी मुद्रा भंडार शामिल है. गवर्नर के मुताबिक भारत भी ऐसी चुनौतियां का सामना कर रहा है. हालांकि उन्होने कहा कि हालांकि आने वाले समय में भारत के लिए स्थितियां बेहतर होंगी और और महंगाई भी नीचे आएगी. गवर्नर शक्तिकांत दास के मुकाबले अर्थव्यवस्था से जुड़े कई संकेतक बेहतर संकेत दे रहे हैं. फिलहाल विदेशी मुद्रा भंडार और सिस्टम में लिक्विडिटी की स्थिति मजबूत है |

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