आगरा में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक की जगह दलाल दे रहे टेस्ट

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज आगरा

       विष्णु कान्त शर्मा

आगरा में परिवहन विभाग ने दलालों पर अंकुश लगाने के लिए लर्निंग लाइसेंस की सुविधा ऑनलाइन की, लेकिन दलालों ने इस प्रक्रिया में भी घुसपैठ कर ली है। वे लाइसेंस बनवाने का ठेका ले रहे हैं। आवेदकों की जगह खुद टेस्ट देने जाते हैं। टेस्ट में वॉयलेशन के रोजाना 15 से अधिक लाइसेंस निरस्त किए जा रहे हैं।

परिवहन विभाग ने एक अप्रैल, 2022 से प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस के लिए घर बैठे प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा शुरू की। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आरटीओ में प्रपत्रों की स्क्रूटनी कराने के बाद ऑनलाइन टेस्ट देना होता है। आरटीओ के सामने चल रहे अवैध जन सुविधा केंद्रों पर दलाल पास कराने का ठेका लेकर खुद टेस्ट दे रहे हैं। रोजाना ऐसे केस पकड़े जा रहे हैं। इनमें आधार पर लगे फोटो से छेड़छाड़ पकड़ में आ रही है।

आधार के फोटो बदल देते हैं, जिससे दूसरा व्यक्ति टेस्ट दे सके, लेकिन सॉफ्टवेयर आधार, डीएल या पेन कार्ड से छेड़खानी के मामले अकसर पकड़ लेता है। ऐसे आवेदन संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) के सामने पहुंचते हैं। ऐसे आवेदकों का आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। आवेदन निरस्त होने पर 350 रुपये की फीस जब्त हो जाती है।

एक अप्रैल 2022 से 15 सितंबर तक साढ़े पांच माह में 5179 फेसलेस लाइसेंस बनाए जा चुके हैं, जबकि आरटीओ में पहले 6 माह में दसहजार से ज्यादा ऑफलाइन लाइसेंस बनाए जाते थे। ARTO एके सिंह ने बताया कि ऑनलाइन जन सुविधा केंद्रों से बनाए जाने वाले डीएल में प्रपत्रों से छेड़छाड़ और आधार से फोटो मैच नहीं होने के मामले सामने आए हैं। इनमें दूसरे लड़के आवेदक की जगह टेस्ट देकर पास हो रहे हैं। ऐसी गड़बड़ी सॉफ्टवेयर में आ जाती है और आवेदन निरस्त कर दिए जाते हैं।

एक आईडी से 10 से ज्यादा लाइसेंस सॉफ्टवेयर में यह पता चल जाता है कि आवेदन किस आईडी से किया गया। आरआई ने बताया कि एक आईपी से एक दिन में 10 से ज्यादा तक आवेदन किए जा रहे हैं। इससे साफ है कि इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।

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