राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम से गुजरात में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जल्द खत्म नहीं होती है तो पार्टी को गुजरात में अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार करना पड़ सकता है, क्योंकि चुनावी रणनीति का पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे हैं। प्रदेश में नियुक्त ज्यादातर पर्यवेक्षक भी गहलोत के भरोसेमंद है।
गुजरात कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, कि चुनाव की पूरी रणनीति अशोक गहलोत पर निर्भर है। गुजरात प्रभारी रघु शर्मा भी गहलोत के भरोसेमंद हैं। साथ ही गुजरात में राजस्थान सरकार के 13 मंत्री और दस विधायक पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहे है। हालात अशोक गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से मिलकर अपनी सफाई दे दी है परंतु राजनीत में जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है
गुजरात में कांग्रेस 27 साल से सत्ता से बाहर वर्ष 1995 के बाद से गुजरात में कांग्रेस सत्ता से बाहर है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 77 सीट हासिल की थी। वर्ष 1995 के चुनाव के बाद यह कांग्रेस का सबसे बेहतर प्रदर्शन था। हालांकि, वह अपने विधायकों को साथ रखने में विफल साबित हुई।
वर्ष 2017 से 2022 के बीच कांग्रेस के विधायकों की संख्या 77 से घटकर 63 रह गई। इसके अलावा पार्टी ने जिस युवाओं की तिगड़ी की बुनियाद पर यह प्रदर्शन किया था, उसमें से दो युवा अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
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