क्या अशोक गहलोत अब नहीं हो पाएंगे कांग्रेश अध्यक्ष?

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

संवाददाता

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस समय भारी मुसीबत में है उनका दिल्ली दौरा कांग्रेस की ओर से उनके तीन वफादार नेताओं शांति धारीवाल और महेश जोशी, और धर्मेंद्र राठौड़ को उनके गंभीर अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के एक दिन बाद हो रहा है। कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंगलवार रात को मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी और पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी घोर अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक कराने गए पार्टी महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी माकन ने सोमवार को कहा था कि गहलोत के समर्थक विधायकों की ओर से विधायक दल की आधिकारिक बैठक में न आकर समानांतर बैठक करना अनुशासनहीनता है।

जानकार सूत्रों के अनुसार हालांकि, पार्टी के शीर्ष पद के लिए गहलोत का नाम अभी पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है। समझा जाता है कि गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ए के एंटनी और सुशील कुमार शिंदे को परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया था। इस बात की भी संभावना है कि नए पर्यवेक्षक राजस्थान भेजे जा सकते हैं और शिंदे उनमें से एक हो सकते हैं। गांधी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद मामले को सुलझाने पर विचार कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 30 सितंबर रखी गई है। इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत आज दिल्ली आने वाले हैं। बताया जा रहा है कि राजस्थान के ताजा सियासी संकट पर 10 जनपथ में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सबकुछ ठीक करने आ रहे हैं। हालांकि अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है

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