कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बात को देर से ही सही पर माना जरूर पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि सिर्फ गैर गांधी अध्यक्ष पर ही प्रशांत की योजना को स्वीकार नहीं किया, बल्कि इससे पहले उदयपुर संकल्प में भी कई मुद्दों को शामिल कर चुकी हैं। इनमें भाई भतीजावाद का मुकाबला करने के लिए एक परिवार-एक टिकट और सभी पदों पर निश्चित कार्यकाल शामिल है।
50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को 50 फीसदी हिस्सेदारी की बात की गई थी। सभी स्तरों पर चुनाव के माध्यम से संगठनात्मक निकायों का पुनर्गठन करना। पार्टी अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति सहित सभी पदों के लिए निश्चित कार्यकाल सहित सभी मुद्दे किशोर की कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की योजना में शामिल थे। उस वक्त पार्टी ने इसे स्वीकार नहीं किया और कई दौर की बैठकों के बाद कांग्रेस और किशोर के रास्ते अलग हो गए।
नीतीश कर रहे कोशिश
प्रशांत किशोर ने अपनी योजना में यूपीए अध्यक्ष के पद को भी किसी सहयोगी दल के नेता को देने का प्रस्ताव किया था, लेकिन उस पर भी पार्टी तैयार नहीं हुई। हालांकि, बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद स्थिति बदली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।
विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस अपने कदम पीछे खींचती है तो साफ है कि चुनाव रणनीतिकार किशोर की योजना के मुताबिक आगे बढ़ रही है। वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कांग्रेस किसी चुनाव रणनीतिकार की योजना नहीं, बल्कि अपनी योजना पर अमल कर रही है। पार्टी लंबे समय से विचार कर रही थी।
विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस अपने कदम पीछे खींचती है तो साफ है कि चुनाव रणनीतिकार किशोर की योजना के मुताबिक आगे बढ़ रही है। कांग्रेश के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी किसी चुनाव रणनीतिकार की योजना नहीं, बल्कि अपनी योजना पर अमल कर रही है। पार्टी लंबे समय से विचार कर रही थी।
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