राज्यसभा सांसद और मुखर वक्ता मनोज झा ने कहा कि उन्हें प्रशांत किशोर की पटकथा को समझने के लिए रॉकेट साइंस को समझने की जरूरत नहीं है.
मनोज झा ने प्रशांत किशोर की एक टिप्पणी पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार को समझने के लिए आपको पहले इसका विश्लेषण करना होगा. उन्होंने कहा कि जब झारखंड अलग हुआ, उसके बाद बिहार को क्या मिला?
झारखंड के कारण हमारे उद्योग की नींव मजबूत थी. झारखंड के अलग होने के बाद सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा क्यों नहीं दिया? एक विशेष पैकेज क्यों नहीं दिया गया? और क्यों घोषणा के बाद भी प्रधानमंत्री चुप हैं? झा ने कहा कि वह चेतावनी दे रहे हैं कि, बिहार एक ज्वालामुखी पर बैठा है.
उन्होंने कहा कि बिहार द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले मानव संसाधन की जरूरत सभी को है, लेकिन इस पूंजी को राज्य के भीतर लगाने के लिए कोई भी निवेश करने में दिलचस्पी नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि यह यह हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के एजेंडे में है
मनोज झा ने 2 अक्टूबर से प्रशांत किशोर द्वारा बिहार में पदयात्रा शुरू किए जाने को लेकर उन पर व्यंग कथा तथा बिहार की मूल समस्याओं को उठा कर बेमतलब की चीजों को एजेंडे के रूप में चलाना बताया
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