आगरा में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। आर मधुराज हॉस्पिटल में भीषण आग लगने से अस्पताल संचालक डॉक्टर राजन सिंह, उनके पुत्र ऋषि और पुत्री सिमरन उर्फ शालू की मौत हो गई। आग लगने से अस्पताल में भर्ती मरीज और कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। नर्स स्नेहा ने अस्पताल में भर्ती चार मरीज़ो की ड्रिप निकाली।
उन्हें लोगों की मदद से तत्काल बाहर सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई। मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
घटना की जानकारी पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
शाहगंज क्षेत्र के नरीपुरा में जिस इमारत में आग लगी उसके ग्राउंड फ्लोर पर आर मधुराज अस्पताल बना था।
पहली मंजिल पर फोम और अस्पताल के सामान की दुकान थी। कमरे में रखे फोम के गंद्दों में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इसी तल पर हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर राजन, उनके पिता गोपीचंद, पत्नी मधुराज, बेटी शालू, बेटे लवी और ऋषि के साथ ही रिश्तेदार तेजवीर थे। गोपीचंद और लवी सुबह पांच बजे उठे तो उन्होंने गद्दों वाले कमरे में आग लगी देखी। उन्होंने गद्दों को बाहर निकालने की कोशिश की। तब तक आग से धुंआ अंदर की ओर पहुंच गया। धुंआ नीचे हॉस्पिटल में भी पहुंच गया। इस बीच चार भर्ती मरीज को सकुशल बाहर निकालकर दूसरे हास्पिटल में भर्ती करा दिया गया। दमकलकर्मी पहुंचते तब तक देर हो चुकी थी। मौके पर फोरेंसिक टीम सैंपल ले जा चुकी है तो वहीं अग्निशमन विभाग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में शार्ट सर्किट आग लगने की आशंका जताई है।
अस्पताल संचालक राजन के पिता गोपीचंद ने बताया कि राजन सकुशल अपने आवास तक आग की लपटों से बचकर बाहर आ गए थे लेकिन जब पता चला कि उनके बेटा और बेटी बाहर नहीं निकल सके हैं तो उन्हें बचाने के लिए दोबारा घर के अंदर चले गए। आग के कारण उठे धुंए के कारण तीनों लोग अंदर ही फंसे रह गए और बेहोश हो गए। आग पर काबू के बाद अस्पताल ले जाया गया लेकिन तीनो की मौत हो गयी। अस्पताल में लगी आग के धुएं में दम घुटने से मृत अस्पताल संचालक की पुत्री सिमरन उर्फ शालू बीटेक की छात्रा थी। जबकि पुत्र ऋषि नवीं का छात्र था। तीसरा पुत्र आर्यन उर्फ लवी नीट की परीक्षा पास कर चुका है। *विष्णु कान्त शर्मा संवाददाता राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज आगरा*
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