करवा चौथ व्रत- मेरा पति मेरा सिंगार है, चंद्रमा देख पूजन कर व्रत हुआ संपन्न

पत्नियों ने पति की दीर्घायु एवं अखंड सौभाग्य लिए रखा करवा चौथ व्रत, बाजारों में दिखा शोरगुल व्यापारी रहे प्रसन्न

RASHTRIYA JUDGEMENT NEWS

राष्ट्रीय जजमेंट कानपुर नगर/आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति को न केवल लंबी आयु मिलती है बल्कि वह निरोगी भी रहता है। इसके अलावा पति पत्नी के बीच प्यार भी बना रहता है यह पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार सबसे पहले इस व्रत को शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती ने भोलेनाथ के लिए किया था इसी व्रत से उन्हे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति भी हुई थी। इसलिए सुहागिने अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं।

एक कथा में भी है कि प्राचीन समय में करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री हुआ करती थी एक बार उसका पति नदी में स्नान कर रहा था उसी समय एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया उसके बाद उसने मदद के लिए करवा को आवाज दी तब करवा ने अपने सतीत्व के प्रताप से मगरमच्छ को कच्चे धागे से बांध लिया और यमराज के पास पहुंची करवा ने यमराज से पति की जान बचाने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने की प्रार्थना की इसके बाद यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी शेष है समय से पहले उसको मृत्यु नहीं दी जा सकती उस समय करवा ने यमराज से कहा कि अगर उन्होंने करवा के पति को चिरायु होने का वरदान नहीं दिया तो वह अपने तपोबल से उन्हें नष्ट होने का श्राप दे देगी । इसके बाद यमराज ने करवा के सतीत्व को देखते हुए उसके पति को जीवन दान दिया था और मगरमच्छ को मृत्युदंड इसी के चलते आज हमारे भारत देश की महिलाओं में करवा चौथ के व्रत का एक अलग महत्व है। इसी तरह से करवा चौथ व्रत की अनेकों मान्यताएं प्राचीन काल से चली आ रही है। करवा चौथ के चलते बाजारों में भी शोरगुल और रौनक देखने को मिली। बाजारों में व्यापारियों ने बताया कि उनकी बिक्री अच्छी हो रही है महिलाओं ने सुबह से ही करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर दी थी।

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