जमशेदपुर: के एक स्कूल में नकल के आरोप में टीचर ने सबके सामने कपड़े उतरवाकर छात्रा की जांच की। इस घटना के बाद छात्रा इतनी परेशान और शर्मिंदा हो गई कि उसने घर पहुंच कर खुद को आग लगा ली। नौंवी की छात्रा 95 फीसदी जल चुकी है। उसकी हालत गंभीर है। फिलहाल उसे टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया है।मामला सीतारामडेरा के छायानगर के शारदामणि गर्ल्स हाईस्कूल का है। आरोप है कि शुक्रवार को नकल के शक में टीचर चंद्रा दास ने रितू मुखी (15 साल) के कपड़े उतरवाकर जांच की। नौवीं की छात्रा इससे इतनी आहत हुई कि घर आते ही स्कूल ड्रेस में ही कैरोसिन छिड़ककर खुद को आग लगा ली। आग की लपटों में घिरी छात्रा घर से निकलकर सड़क पर आ गई और बेहोश होकर गिर गई। लोगों ने पानी डालकर आग बुझाई। फिर तुरंत उसे एमजीएम अस्पताल ले गए। करीब 95 प्रतिशत जली होने के कारण उसे टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) रेफर कर दिया गया।
टीचर चंद्रा दास के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई हैl स्कूल प्रबंधन ने भी मामले की जांच की बात कही है। स्कूल दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। परीक्षा भी फिलहाल स्थगित कर दी गई है।आग लगाने वाली छात्रा ने खुद अपनी आपबीती बताई। उसी के शब्दों में पढ़िए। ‘मैं शारदामणी स्कूल में पढ़ती हूं। शुक्रवार को शुरू हुई टर्मिनल परीक्षा में साइंस का एग्जाम देने गई थी। शाम 4 बजे इंविजिलेटर चंद्रा दास ने मुझे यह कहते हुए पकड़ा कि मैं चीटिंग कर रही हूं। इसके बाद सभी के सामने उन्होंने मुझे तमाचा जड़ दिया। फिर सभी के सामने मेरे कपड़े उतरवा दिए।
इससे पहले मैंने विरोध किया कि कपड़े के अंदर चिट नहीं है, तब उन्होंने कहा-तुम सयानी बनती हो, कपड़े उतारो। फिर वहां से मुझे प्रिंसिपल के कमरे में ले जाया गया।’मां, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों ने टीचर पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं आरोपी टीचर चंद्रा दास ने आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा-मैंने छात्रा को न तो पीटा है और न ही कपड़े उतरवाए हैं। चीटिंग करते पकड़ाने के बाद अन्य छात्राओं ने कहा कि उसने अपने कपड़ों में चिट छिपा रखी है। मैंने उसे पकड़कर प्रिंसिपल के हवाले कर दिया।
प्रिंसिपल गीता रानी महतो पर भी छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्राओं ने कहा- कई बार प्रिंसिपल से शिकायत की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। विरोध प्रदर्शन कर रही छात्रों ने बताया कि आरोपी शिक्षिका चंद्रा दास दूसरे बच्चों के साथ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती थीं।
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