प्रस्तावित विलय और वेतन संबंधी समझौते में देरी के विरोध में, बैंक कर्मियों की देशव्यापी हड़ताल आज

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नई दिल्ली। सरकारी बैंकों में बुधवार को होने वाली कर्मचारियों की हड़ताल से देश भर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बैंक कर्मचारी संगठनों ने विजया बैंक और
देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय और वेतन संबंधी समझौते में देरी के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। एक सप्ताह से कम समय में बैंकों में यह दूसरी हड़ताल है।
सरकार बैंकों के एक अधिकारी संघ ने पिछले शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था। अधिकारी संघ ने भी विलय के विरोध के अलावा जल्द से जल्द वेतन वार्ता पूरी करने की मांग को लेकर हड़ताल की थी।
बुधवार को होने वाली हड़ताल के बारे में ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को जानकारी दे दी है। सरकारी बैंकों के विपरीत प्राइवेट बैंकों में सेवाएं सामान्य रहेंगी क्योंकि उनके कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे।
बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संगठनों के शीर्ष संगठन युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने हड़ताल का आह्वान किया है।
करीब दस लाख कर्मचारियों व अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले फोरम में ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक इंप्लॉईज एसोसिएशन (एआइबीईए), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लॉईज और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ संगठन शामिल हैं।
एआइबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम के अनुसार अतिरिक्त केंद्रीय श्रम आयुक्त द्वारा समझौते के लिए बुलाई गई बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई, इसलिए कर्मचारी संघ बुधवार को हड़ताल पर जाएंगे।
बैठक में न तो सरकार ने और न ही संबंधित बैंकों के प्रबंधन ने विलय टालने का कोई आश्वासन नहीं दिया। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि सरकार बैंकों का आकार बड़ा करना चाहती है।
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जबकि देश के सभी सार्वजनिक बैंकों को मिला दिया जाए तो भी हम दुनिया के शीर्ष दस बैंकों में स्थान नहीं बना पाएंगे। सरकार ने सितंबर में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी थी।

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