टीवी की आवाज तेज करके बहू ने केरोसिन डाल सास को जिंदा जलाया

0
इटारसी। न्यास कॉलोनी में गुरुवार सुबह एक महिला ने घर का दरवाजा बंद कर सास को जिंदा जला दिया। जला शव टॉयलेट के अंदर निर्वस्त्र हालत में मिला।
सास की चीखें बाहर न जाए इसलिए बहू ने घर में टीवी का साउंड तेज कर दिया। पुलिस के मुताबिक कृष्णा बाई पति मांगीलाल यादव (55) का उसकी बहू वर्षा यादव से आए दिन झगड़ा होता था।
गुरुवार को बहू वर्षा का पति अजय यादव मजदूरी पर गया था। सुबह सास कृष्णाबाई और वर्षा का झगड़ा हो गया। गुस्से में वर्षा ने कृष्णाबाई के शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा दी।
घर से धुआं निकला देख मोहल्ले के लोगों ने डायल 100 बुलाई। हालांकि पुलिसकर्मी मामूली पूछताछ करके लौट गए।
आशंका है कि आग लगने के बाद कृष्णाबाई टॉयलेट में पानी के पास गई तो वर्षा ने उसे धक्का देकर टॉयलेट में बंद कर दिया। जलने से कृष्णाबाई की मौत हो गई।
एसपी अरविंद सक्सेना, एफएसएल अधिकारी डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव, एसडीओपी उमेश द्विवेदी ने मुआयना किया। पुलिस ने आरोपी बहू वर्षा पति अजय यादव के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। वर्षा गिरफ्तार भी हो गई है।
वर्षा के बंटी सोनकर नाम के व्यक्ति से अनैतिक संबंध होने की बात सामने आ रही है। इसी बात पर घर में 5-6 साल से कलह थी। बंटी का वर्षा के घर आना-जाना था। इससे कृष्णाबाई को अक्सर दिक्कत होती थी।
कृष्णाबाई के घर के सामने एक टप रखा है। इसे बेचने को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता था। घर का पट्‌टा कृष्णाबई के नाम है। पीएम आवास के ढाई लाख रुपए मृतका के खाते में आने वाले थे। आशंका है रुपए को लेकर विवाद हुआ होगा।
 पुलिस सूत्रों के मुताबिक सबूत मिटाए गए और कोशिश भी की गई। अकेली महिला के लिए बच्चों के सामने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देना आसान नहीं है। वर्षा के साथ अन्य व्यक्ति के साथ होने की भी आशंका है।
सास-बहू का विवाद 3-4 साल पुराना है। आए दिन कृष्णाबाई वर्षा के खिलाफ रिपोर्ट कराने थाने जाती थी। पुलिस अदम चेक (पुलिस अहस्ताक्षेप योग) काटकर भेज दिया जाता था। तीन-चार बार बहू ने सास और पति के खिलाफ शिकायत की।
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने फ्रांस सरकार को राफेल डील की 25% रकम चुकाई
हत्या के बाद 100 से भी ज्यादा महिला-पुरुष एकत्रित हो गए। आरोप लगाया डायल 100 स्टाफ सख्ती से घर में जांच करता तो कृष्णाबाई बच जाती। पुलिसकर्मी बिना पड़ताल के पूछताछ कर चले गए।
भोजन बनाने वाले एप्रिन और मास्क नहीं पहनते। चपातियां जमीन पर कपड़े की चादर पर आटा फैलाकर बनती है। भोजन पकाने का कच्चा सामान बंद कमरों में बोरियों में अव्यवस्थित है।  दूध रखने एक मात्र छोटा फ्रिज है। खुली बाल्टियों से भोजन परोसा जाता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More