पतियों को तलाक देकर दो युवतियों ने एक-दूसरे से रचाई शादी, लेकिन नही हो सकी रजिस्टर्ड
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में शुक्रवार को दो तलाकशुदा महिलाओं ने मंदिर में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर समलैंगिक शादी कर ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद दोनों अपनी शादी रजिस्टर कराने रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचीं। यहां दोनों ने सात फेरों वाली कसम न खाकर 7 वादों का एफीडेविट दिया।
हालांकि दोनों की शादी रजिस्टर्ड नहीं हो पाई। राठ निवासी प्रीतम सिंह की बेटी अभिलाषा ने अपने को पति और कधौली गांव के सुग्रीव कुमार की बेटी दीपशिखा ने मंदिर में खुद को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। दोनों ने जो एफीडेविड दिया उसमें कुछ वादे लिखे।
दोनों की 7 साल पहले गांव में हुई मुलाकात : दोनों की मुलाकात सात साल पहले गांव में हुई थी। दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उन्हें पता ही नहीं चला। इस दौरान दोनों की शादी हो गई और वह अपने-अपने ससुराल चली गईं।
ससुराल में दोनों का मन नहीं लगा। दोनों ने कुछ ही दिनों में अपने पति से तलाक ले लिया और शादी करने का फैसला लिया।
कोर्ट में रजिस्टर्ड नहीं हो पाई शादी : एफीडेविड देने के बाद भी दोनों की शादी रजिस्टर्ड नहीं हो पाई। दोनों युवतियों ने बताया कि उनके परिजन इस शादी के खिलाफ हैं, इसलिए वे अकेले ही शादी रजिस्टर्ड कराने आईं थीं।
रजिस्ट्रार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक शादी को सामाजिक मान्यता देने से जुड़ा शासन आदेश विभाग में नहीं पहुंचने का हवाला देकर शादी रजिस्टर्ड करने से मना कर दिया। हालांकि उनके कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
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सब रजिस्ट्रार ने बताया कि शादी रजिस्टर्ड कराने आईं महिलाओं में से एक की उम्र 26 साल और दूसरी की 21 साल है, जो शादीशुदा और एक बच्चे की मां है।
ज्वाइंट खाता होगा, पूर्व पतियों से मदद नहीं लेंगी
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दोनों में नौकरी करने पर किसी कोई एतराज नहीं होगा।
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किसी भी गैर मर्द से शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगी।
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दोनों सहमति से बच्चा गोद ले सकेंगी।
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कोर्ट में एक-दूसरे पर कोई शिकायत नहीं करेंगी।
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बैंक में ज्वाइंट अकाउंट खोलेंगी।
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दोनों में से एक का अपने माता-पिता, भाई-बहन और पूर्व पति की चल-अचल संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा, न ही जताएगी।
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युवती अपने पिता के नाम दर्ज मकान में रहेगी।