गाजीपुर पथराव में मृतक सिपाही के बेटे ने कहा- पुलिस अपनों की ही सुरक्षा करने में नाकाम
गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के बाद शनिवार को यहां किए गए पथराव में मारे गए सिपाही सुरेश वत्स के बेटे विनीत ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
उसने कहा, “जब पुलिस अपनों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है तो हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?” मुख्यमंत्री की ओर से 50 लाख के मुआवजे पर भी उसने कहा कि जब पिता ही नहीं रहे तो इस रकम का क्या करेंगे?
उत्तरप्रदेश में 28 दिन में भीड़ द्वारा पुलिसकर्मी की हत्या का दूसरा मामला है। 3 दिसंबर को भी हिंसक भीड़ ने बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सुरेश वत्स प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे और करीमुद्दीनपुर थाने में पदस्थ थे।
एडीजी वाराणसी जोन पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि सिपाही की मौत के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं। हालांकि, मुख्य आरोपी की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
इस मामले में 32 नामजद और 80 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 19 को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस वीडियो क्लिपिंग से भी आरोपियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। एडीजी ने बताया, सीएमओ के मुताबिक- सिपाही की मौत का कारण सिर में लगी चोट है।
निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने कहा है कि इस घटना में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल नहीं थे। बल्कि, इसमें भाजपा के लोगों का हाथ है।
उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। संजय ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार के चलते ही ऐसी स्थिति पैदा हुई। सरकार निषादों को आरक्षण देने की बात तो करती है, लेकिन निर्णय नहीं करती। इसी कारण निषाद समाज सड़कों पर उतरा।
शनिवार को निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर गाजीपुर जिले के अठवा मोड़ चौराहे पर जाम लगा था। कुछ ही देर पहले यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली खत्म हुई थी।
रैली में आई गाड़ियां मुहम्मदाबाद की ओर जा रही थीं। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने निषाद समाज के लोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया। तभी भीड़ उग्र हो गई और
पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स जख्मी हो गए। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई।
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1 माह में 2 पुलिसकर्मियों की हत्या
3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में स्याना कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध सिंह राठौर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह घटना इसलिए घटी है, क्योंकि सीएम सदन में हों या मंच पर हों उनकी एक ही भाषा है- ठोक दो। कभी पुलिस को नहीं समझ आता किसे ठोकना है, कभी जनता को नहीं समझ आता किसे ठोकना है।’’