टीम इंडिया ने रविवार को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हरा दिया। इस साल उसने विदेश में अपनी चौथी टेस्ट जीत हासिल की। उसने पहली बार एक कैलेंडर ईयर में विदेश में चार टेस्ट जीते हैं। इसमें उसके गेंदबाजों का अहम योगदान रहा।
उसके गेंदबाजों ने 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। भारतीय गेंदबाजों ने इस साल 14 टेस्ट खेले। इसमें उन्होंने 257 विकेट लिए। भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 86 साल के इतिहास में गेंदबाजों ने पहली बार एक साल में इतने विकेट लिए हैं। इससे पहले 1979 में भारतीय गेंदबाजों ने 17 मैच में 237 विकेट लिए थे।
इस साल ओवरऑल सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में भी भारतीय गेंदबाज शीर्ष पर हैं। इस सूची में इंग्लैंड दूसरे नंबर पर है। उसके गेंदबाजों ने इस साल 13 टेस्ट में 213 विकेट लिए। श्रीलंका 197 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर है। 186 विकेट लेने वाली दक्षिण अफ्रीका चौथे नंबर पर है।
इस साल भारतीयों में सबसे ज्यादा 48 विकेट जसप्रीत बुमराह ने लिए। मोहम्मद शमी 47 विकेट के साथ दूसरे नंबर पर रहे। बुमराह ने नौ टेस्ट में 2.65 की इकॉनमी और शमी ने 12 टेस्ट में 3.30 की इकॉनमी से विकेट लिए हैं।
इस दौरान बुमराह का एक पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/33 और शमी का 6/56 रहा। वहीं, इशांत शर्मा ने 11 टेस्ट में 41 और रविचंद्रन अश्विन ने 10 टेस्ट में 38 विकेट हासिल किए। इस साल भारत के 10 गेंदबाजों ने 255 विकेट लिए।
बुमराह ने इस साल अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। उन्होंने पहले ही साल ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच-पांच विकेट लिए। वे एक कैलेंडर ईयर में इन तीन देशों के खिलाफ 5-5 विकेट लेने वाले पहले एशियाई हैं।
वहीं, शमी ने इस साल दो बार पारी में 5-5 विकेट लिए। बुमराह-शमी के अलावा भारत के इशांत शर्मा, उमेश यादव, हार्दिक पंड्या और कुलदीप यादव भी पारी में 5-5 विकेट लेने में सफल रहे। उमेश ने इस साल पांच टेस्ट में 20, हार्दिक ने आठ टेस्ट में 13, कुलदीप ने तीन टेस्ट में 10 विकेट हासिल किए हैं।
साल |
टेस्ट |
विकेट |
2018 |
14 |
255 |
1979 |
17 |
237 |
2002 |
16 |
232 |
2008 |
15 |
219 |
2004 |
12 |
209 |
इससे पहले भारतीय गेंदबाजों का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1979 में रहा था। उस वक्त अकेले कपिल देव ने 17 टेस्ट में 74 विकेट अपने नाम किए थे। वहीं, दिलीप दोषी ने 10 टेस्ट में 40, करसन घावरी ने 17 टेस्ट में 39, शिवलाल यादव ने नौ टेस्ट में 32, श्रीनिवास वेंकटराघवन ने 10 टेस्ट में 23 विकेट लिए थे। इनके अलावा रोजर बिन्नी ने चार टेस्ट में नौ, बिशन सिंह बेदी ने तीन टेस्ट में सात, भागवत चंद्रशेखर ने तीन टेस्ट में पांच, मोहिंदर अमरनाथ ने चार टेस्ट में तीन, बॉबजी नरसिम्हा राव ने तीन टेस्ट में दो और चेतन चौहान, गुंडप्पा विश्वनाथ, धीरज प्रसन्ना ने एक-एक विकेट लिए थे।
वैसे इस साल सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट दक्षिण अफ्रीका के कगिसो रबाडा ने लिए हैं। रबाडा ने इस साल 10 टेस्ट में 3.15 की इकॉनमी से 52 विकेट अपने नाम किए। इस सूची में श्रीलंका के दिलरुवन परेरा दूसरे नंबर पर हैं। उनके नाम 11 टेस्ट में 50 विकेट हैं। 49 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के नाथन लियोन तीसरे नंबर पर हैं। बुमराह और शमी क्रमशः चौथे और पांचवें नंबर पर हैं।
मोहम्मद शमी ने मेलबर्न टेस्ट में पहली पारी में पैट कमिंस का विकेट लिया था। इसके साथ ही वे विदेश में 100 से ज्यादा विकेट लेने वाले भारत के 10वें गेंदबाज और पांचवें तेज गेंदबाज बन गए थे। उनसे पहले अनिल कुंबले, कपिल देव, जहीर खान, हरभजन सिंह, बिशन सिंह बेदी, जवागल श्रीनाथ, रविचंद्रन अश्विन, इशांत शर्मा और भागवत चंद्रशेखर विदेश में 100 से ज्यादा विकेट अपने नाम कर चुके हैं।
कुंबले विदेश में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय
गेंदबाज |
विदेश में विकेट |
अनिल कुंबले |
269 |
कपिल देव |
215 |
जहीर खान |
207 |
हरभजन सिंह |
152 |
बिशन सिंह बेदी |
129 |
जवागल श्रीनाथ |
128 |
रविचंद्रन अश्विन |
108 |
इशांत शर्मा |
183 |
भागवत चंद्रशेखर |
100 |
मोहम्मद शमी |
102 |