छत्तीसगढ़/भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के जिले में हर तीसरे दिन दुष्कर्म होता है। वहीं लूट, हत्या और धोखाधड़ी के मामलों में 10 फीसदी इजाफा हुआ है।
खुद पुलिस विभाग के आंकड़े इस बात को बयान कर रहे हैं। हालांकि यह आंकड़े पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के हैं, लेकिन अब बड़ी चुनौती के रूप में सामने आए हैं।
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पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जिले में हत्या, लूट, अपहरण, धोखाधड़ी और बलवा के मामले में वर्ष 2016 की तुलना में बढ़े हैं। वर्ष 2018 में 148 मामले दुष्कर्म के आए हैं। पाक्सो एक्ट के भी मामले आए हैं, लेकिन जारी रिकार्ड में शून्य बताया जा रहा है। वर्ष 2011 में आई एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक दुर्ग जिला पूरे देश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में अव्वल हो गया था।
अपराध
2016
2017
2018
हत्या
37
38
44
लूट
34
33
54
अपहरण
235
245
243
धोखाधड़ी
148
182
183
बलवा
31
38
45
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गोवा, हिमाचल और जम्मू में सुरक्षित हैं महिलाए
हमारे राज्य से बेहतर स्थिति और भी कई राज्यों में जहां महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित है। गोवा, हिमाचल प्रदेश जम्मू- कश्मीर, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, उत्तराखंड, दादर-हवेली जैसे राज्य है, जहां महिलाओं के साथ अपराध नहीं के बराबर है। यहां की महिलाओं को कई मामलों में सुकून है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां की महिलाएं सुरक्षित हैं।
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मोहन नगर व कोतवाली थाने में दर्ज मामला
30 नवंबर को कोतवाली में पॉक्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ। शंकर नगर निवासी 14 वर्षीय नाबालिग की दोस्ती महाराष्ट्र अकोला निवासी अनमोल कुशवाहा से हुई। 30 नवंबर को वह नाबालिग से मिलने उसके घर तक पहुंचा। आरोपी नाबालिग युवती के घर के आंगन में बात करते समय अश्लील हरकत की। इसका युवती ने विरोध किया। आरोपी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
27 दिसंबर को मासूम की मां की रिपोर्ट पर मोहन नगर पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ धारा 376, पॉक्सो की धारा 3, 4 के तहत अपराध दर्ज किया गया। 27 की सुबह सवा 11 बजे उरला निवासी महिला पति के साथ प्रेग्नेंसी चेकअप कराने जिला अस्पताल गई थी। इस दौरान बच्ची उसने बच्ची से अश्लील हकत की। बच्ची ने इसकी जानकारी मां को दी। तब उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
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कुल अपराध घटे, लेकिन संगीन अपराधोंं की संख्या बढ़ी
एडिशन एसपी सिटी विजय पांडेय ने बताया कि तीन साल में पहली दफा कुल आपराधिक आंकड़ों का ग्राफ कम हुआ है। लेकिन इसमें भी हत्या, अपहरण, लूट, नकबजनी, बलवा, खयानत जैसे गंभीर प्रकरणों की संख्या में करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। दुष्कर्म के मामले भी सामने आए हैं।
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10 साल में अपराध दोगुना
छत्तीसगढ़ में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की संख्या 10 साल में दोगुना हो गई। 2001 में पूरे राज्य में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की संख्या 3989 थी।2013 में 7012 तक पहुंचा। 2014 में अपराध की संख्या 6255 तक आई। 2015 में फिर एक बार 5720 मामले दर्ज किए।
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52% महिलाएं होती हैं हिंसा की शिकार
इंटरनेशनल सेंटर पर रिसर्च ऑन वूमन की रिपोर्ट के मुताबिक 52 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी तरह हिंसा की शिकार होती है। 38 प्रतिशत महिलाओं पर कभी न कभी घसीटे जाने, पिटाई-थप्पड़ मारे जाने और जलाए जाने जैसी हिंसा होती है। त 34 प्रतिशत महिलाएं 15 से 19 वर्ष की उम्र में अपने पति या किसी साथी के हाथों हिंसा का शिकार होती हैं। दहेज मृत्यु, शील भंग, अनाचार के मामले बढ़े हैं।
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7 साल पहले ज्यादा थे दुष्कर्म के मामले
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की साल 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पॉक्सो समेत महिला संबंधी अपराध छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में सबसे ज्यादा हुए। दिल्ली में प्रति एक लाख की आबादी में 208 बलात्कार हुए जबकि दुर्ग-भिलाई में ये औसत 507 का बताया गया। जिले के जामुल थाने में सबसे ज्यादा अनाचार के मामले दर्ज किए गए।
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पाॅक्सो एक्ट के मामले हुए दर्ज
मोहन नगर थाना के टीआई राजेश बागड़े ने बताया कि नाबालिग आरोपी के खिलाफ धारा 376, पॉक्सो की धारा 3, 4 के तहत अपराध दर्ज किया है। वहीं कोतवाली थाना की एसाई बेबी नंदा ने बताया कि घर के आंगन में नाबालिग से अश्लील हरकत अपराध दर्ज किया है।