हर विकलांग कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलेगी 2 साल का एक्सटेंशन

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अपने सरकारी विभागों में तैनात दिव्यांगों को नए साल का तोहफा दिया है। सरकार का यह तोहफा दिव्यांगों को पसंद भी आया हैं।
क्योंकि सरकार कर इस तोहफे से अपनी रिटायरमेंट के बाद भी दिव्यांग आत्मनिर्भर रहेंगे। दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नौकरी में दो साल एक्सटेंशन दिए जाने के अपने पूर्व फैसले में बदलाव करते हुए सभी तरह के दिव्यांग कर्मचारियों को यह सुविधा देने का फैसला किया है।
वित्त विभाग की वित्त प्रसोनल शाखा-2 द्वारा सभी विभाग प्रमुखों को जारी किए सर्कुलर में कहा गया है कि 2017 में जारी आदेश के तहत प्रदेश सरकार के विभागों में 3 फीसदी विकलांग कोटे के आधार पर
भर्ती हुए दिव्यांग कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सेवा में 2 साल का एक्सटेंशन देने का प्रावधान किया गया था। ऐसे में वह दिव्यांग कर्मचारी बच गए थे जो इस कोटे के तहत भर्ती नहीं हुए थे।
इसके लिए संबंधित कर्मचारी को अधिकृत मेडिकल अथारिटी से डिसएबिलिटी संबंधी सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। इसके बाद ही कर्मचारियों को इस फैसले का फायदा होगा।
सरकार द्वारा उक्त फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तय किया गया है कि 2017 में जारी उक्त आदेश के तहत दी जाने वाली सुविधा उन दिव्यांग कर्मचारियों को भी दी जाए जो उक्त तीन फीसदी विकलांग कोटे के तहत भरती नहीं हुए हैं और
ऐसे कर्मचारी जो सेवा में आने के बाद या पहले से विकंलाग हैं और राइट आफ पर्सन विद डिसएबिलिटीज एक्ट, 2016 के तहत लागू मापदंड पूरे करते हैं, को भी रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार का अवसर दिया जाए।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीनियर अधिकारियों से मीटिंग के बाद सूबे के लोगों को नए साल के तोहफे के रूप में कई अहम घोषणाएं की हैं। मुख्यमत्री ने कहा है कि राज्य में खाली पड़े सरकारी पदों को जल्द ही भरा जाएगा।
उन्होंने सरकारी पद भरने के लिए मुख्य सचिव करन अवतार सिंह को रूप -रेखा तैयार करने के लिए कहा है। मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कौशल प्रशिक्षण और नौकरियां संबंधी योग्यता के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए कौशल विकास मिशन और रोजगार सृजन और प्रशिक्षण विभाग (डीईजीटी) के बीच बढ़िया तालमेल पर जोर दिया।
तकनीकी शिक्षा और रोजगार सृजन मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने मीटिंग के दौरान बताया कि डीईजीटी की तरफ से आयोजित ‘ओवरसीज इंपलायमेंट कैंप ’ के दौरान विदेशी कंपनियों में नौकरियां प्राप्त करने के लिए
30 हजार नौजवानों ने आवेदन दिया। इनमें से विदेशी कंपनियों मेें सिर्फ 500  कैंप में बहुत सी विदेशी कंपनियों ने 5000 नौकरियों के लिए इच्छुकों के चयन के लिए सम्मिलन किया लेकिन 500 का ही चयन हुआ।

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