शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम को दी रवीश का सामना करने की चुनौती

0
हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया गया था। इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। पीएम मोदी के इस इंटरव्यू की चर्चा मीडिया में अभी चल ही रही है कि
भाजपा के ही वरिष्ठ सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी पर इस इंटरव्यू को लेकर निशाना साधा है। सिन्हा ने पीएम मोदी के इस इंटरव्यू को पूर्वप्रायोजित, बनावटी और पूरी तैयारी के साथ दिया गया इंटरव्यू बताया है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने पर भी तंज कसा और पीएम मोदी को रवीश कुमार और विनोद दुआ जैसे पत्रकारों को इंटरव्यू देने की चुनौती भी दे डाली। लेकिन यदि इतिहास में जाएं तो शत्रुघ्न सिन्हा का खुद का रिकॉर्ड भी सवालों के जवाब देने के मामले में बहुत अच्छा नहीं है।
साल 2002 में जब केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता में थी, उस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उस वक्त संसद के शीतकालीन सत्र के एक दिन शत्रुघ्न सिन्हा को संसद में अपने मंत्रालय से संबंधित सवालों का जवाब देना था।
लेकिन स्थिति ये रही कि अपने ही मंत्रालय से संबंधित सवालों से अनभिज्ञ रहने पर शत्रुघ्न सिन्हा को संसद में उपहास का पात्र बनना पड़ा था। स्थिति ये थी कि सिन्हा कभी अधिकारियों द्वारा भेजी गई पर्ची पढ़ते, कभी सवाल और इसी में कन्फ्यूज होकर रह जाते।
एक सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा देश में प्रतिबंधित दवाओं के नाम का उच्चारण भी ठीक से नहीं कर पाए थे और जो भी हैं…कहकर अपना पीछा छुड़ाया था। सिन्हा के इस जवाब पर सदन में खूब ठहाके लगे थे।
आखिरकार सिन्हा ने यह कहकर अपना पीछा छुड़ाया कि वह क्यों उनका इम्तिहान ले रहे हैं। वह कोई डॉक्टर नहीं और अभी मेहनत करके सीख रहे हैं। बहरहाल इस दौरान सदन में खूब ठहाके लगे और सिन्हा को लेकर काफी चुहलबाजी होती रही।
बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने इन दिनों बागी तेवर अपनाए हुए हैं और वह कई बार सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी और केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं।
गुरुवार को एक बार फिर सिन्हा ने कई ट्वीट कर पीएम मोदी के एएनआई को दिए इंटरव्यू पर जमकर निशाना साधा। अपने एक ट्वीट में सिन्हा ने कहा कि अतीत में सभी प्रधानमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन सर,
आपने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया। ऐसा क्यों सर? वैसे भी सच्चे पत्रकारों से बात करनी चाहिए। ‘सरकारी’ मानसिकता या ‘राग दरबारी जैसों से नहीं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More