राजस्थान: दर्जन भर बागियों पर कांग्रेस हुई सख्त

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हाल ही में पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वापसी की। राजस्थान में कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया।
वहीं, सचिन पायलट उप-मुख्यमंत्री बनाए गए। कांग्रेस ने अब उन नेताओं की पहचान शुरू कर दी है, जिनके ऊपर शक है कि इन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।
पार्टी के राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों से उन नेताओं के नाम मांगे हैं जिन्होंने 7 दिसंबर को हुए चुनाव में पार्टी को क्षति पहुंचायी। माना जा रहा है कि दर्जन भर ऐसे नेता हैं, जिनका नाम सामने आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, “उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी मांगी गई है जिन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया है।
चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशियों ने भी शिकायत की है कि पार्टी के कुछ लोगों ने मदद नहीं की। पार्टी शिकायत के मामलों को देखेगी और दोषी पाए जाने वाले नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” पायलट ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में हाईकमान के साथ चर्चा की जाएगी।
वहीं, कांग्रेस के एक नेता के अनुसार, कुछ नेताओं व कार्यकर्ताओं की पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से कांग्रेस को 10 से 15 सीटों का नुकसान हुआ है। असेंबली वाइज लिस्ट मंगाई जा रही है।
करीब दर्जन भर नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। चुनाव से पहले नवंबर महीने में कांग्रेस ने 28 बागियों को निलंबित कर दिया था, जिनमें 9 पूर्व विधायक भी शामिल थे। ये लोग पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।
इनमें पूर्व मंत्री महादेव सिंह खंडेला और बाबू लाल नागर भी शामिल हैं। यूथ कांग्रेस ने भी अपने 8 सदस्यों को निलंबित कर दिया था।
गौर हो कि 200 सीटों वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, भाजपा उम्मीदवारों ने 73 सीटों पर सफलता पाई। अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल की एक सीट की सहायता से कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को छूने में सफल रही।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी, जिसने राज्य में 6 सीटों पर सफलता पाई, ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन किया। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित देश भर के बड़े नेता शामिल हुए थे। इस मौके पर विपक्षी एकता दिखाने की कोशिश की गई थी।

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