पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन तलाक के मुद्दे पर एक बार फिर जदयू का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा, “तीन तलाक का मुद्दा सीधे तौर पर अल्पसंख्यक समाज से जुड़ा है।
वहां अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे सुधारने की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक समाज पर ही छोड़ दी जानी चाहिए।”
तीन तलाक से जुड़ा नया विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है। मोदी सरकार राज्यसभा में पास कराने में जुटी है। विपक्ष चाहता है कि बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
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नीतीश ने कहा, “इस मुद्दे पर हमारी और जदयू की राय पहले से ही स्पष्ट है। किसी खास तबके से संबंधित इस मुद्दे के लिए इनफोर्स करने की बजाए उनसे इन्टरेक्ट करना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों को कमी दूर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने यह बात पटना में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से कही।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि महागठबंधन का कोई भविष्य नहीं है। महागठबंधन आत्मविश्वास की कमी का शिकार हो गया है। पहले दावा होता था कि राजद में बहुत दम है, लेकिन राजद चुनाव से पहले ही आत्मविश्वास खो रहा है। सड़क पर जो भी मिलता है, उसी को खींच कर साथ ले लेता है। बिहार की जनता काम के आधार पर वोट करेगी। नरेंद्र मोदी ही फिर पीएम बनेंगे।