मिल्खा सिंह के परिवार की तीसरी पीढ़ी भी उन्ही के नक्शेकदम पर

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चंडीगढ़। ओलंपियन और पद्मश्री एथलीट मिल्खा सिंह की तरह उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह ने ग्राउंड में नाम और पैसा दोनों कमाया है। दो बार एिशया के नंबर-1 गाेल्फर रह चुके हैं।
वहीं, अब तीसरी पीढ़ी भी उन्हीं के नक्शेकदम पर चल रही है। जीव के 8 साल के बेटे हरजाई मिल्खा सिंह गोल्फ में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
जीव का कहना है कि बेटे पर गोल्फ ही खेलने का दबाव कभी नहीं बनाया। हां, बस चाहता था कि मोबाइल और आईपैड की जगह ग्राउंड में समय बिताए। गोल्फ या कोई दूसरा गेम जरूर खेले। टारगेट था कि वह गैजेट्स से नहीं, स्पोर्ट्स के साथ प्यार करे। हमारा पूरा परिवार खेलों से जुड़ा है और हरजाई भी उसका हिस्सा है। हर बच्चे को बच्चों काे मैदान में लाना बहुत जरूरी है।
चंडीगढ़ में चल रही मिल्खा सिंह जूनियर चैंपियनिशप में हरजाई ने पहली बार 18 होल के गेम में थर्ड स्पॉट हासिल किया और दो दिन तक टॉप पर रहे। जीव अपने बेटे को किसी भी तरह से फोर्स नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा कि बेटा स्कूल में फुटबॉल के साथ सभी गेम्स खेलता है। उसे अपने पसंदीदा करियर को चुनने की आजादी है और मैं उस पर कोई रोक नहीं लगाना चाहता।
जीव ने दुनिया भर में गोल्फ के लिए ट्रैवल किया है और वे चंडीगढ़ को गोल्फ कल्चर के लिए बेस्ट मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर चंडीगढ़ जैसे कुछ और शहर हों तो हमारे देश का नक्शा ही बदल सकता है।
यहां पर चार गोल्फ कोर्स हैं और साथ में दो गोल्फ रेंज भी। आप चंद मिनटों की ड्राइव पर गोल्फ खेल सकते हो, जबकि दूसरे देश के किसी शहर में ऐसा नहीं होता।
जीव अभी तक दो बार अपने बेटे के लिए कोर्स पर कैडी बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने मई 2018 में पहली बार कैडी बनने के लिए कहा और तब मैं बहुत खुश हुआ था। उसे तब स्कॉटलैंड में खेलना था।
इसके बाद पिछले महीने मलेशिया में भी मैं उसके साथ बतौर कैडी साथ रहा। यह बेहद स्पेशल टाइम था। जो गोल्फ मेरे दिमाग में था, वह गोल्फ मैंने अपने बेटे को खिलाया। अब मुझे फिर से स्कॉटलैंड में उसके साथ बतौर कैडी रहना है।

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