पहला ऐसा स्कूल जहाँ बच्चों को 1 अप्रैल से नहीं लाना पड़ेगा ब, टैबलेट से अब होगी पढ़ाई

0
पटियाला। सरकारी मल्टीपर्पज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लगभग 2 हजार स्टूडेंट्स 1 अप्रैल 2019 से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सेशन से स्कूल में बैग लेकर पढ़ने नहीं जाएंगे।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि स्कूल में ई बस्ता प्रोजेक्ट का ट्रायल सफल होने के बाद इसे अब पूरे स्कूल में शुरू किया जा रहा है।
राज्य का यह पहला एकमात्र स्कूल होगा जिसमें सभी बच्चे बगैर बैग के स्कूल आकर टैबलेट पर सभी विषयों की पढ़ाई करेंगे। स्कूल प्रिंसिपल तोता सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए दैनिक भास्कर को बताया कि असल में उन्होंने पहले सिर्फ 11वीं और 12 क्लास के 100 स्टूडेंट्स पर यह ट्रायल किया।
इन दोनों कक्षाओं के सभी विषयों को पहले उनके स्कूल के टीचर्स ने लगभग 1 साल की मेहनत से ऑनलाइन अपलोड किया। इसके बाद खुद फंड का इंतजाम करके करीबन 4 लाख रुपए खर्च करके 100 टैबलेट्स खरीदे। चूंकि उनका स्कूल कैंपस पूरी तरह वाईफाई है, इसलिए इन स्टूडेंट्स पर यह ट्रायल किया गया। इस ट्रायल के नतीजे शानदार रहने के बाद अब इस प्रोजेक्ट को जिला प्रशासन ने एडॉप्ट करके इसमें मदद करने का फैसला किया है ताकि 1 अप्रैल से सभी बच्चे ई बस्ता प्रोजेक्ट का फायदा उठा सकें।
11वीं, 12वीं के स्टूडेंट्स पर हुआ ट्रायल :
प्रिंसिपल तोता सिंह ने बताया कि उनके पास 100 टैबलेट्स, 15 लैपटॉप और 6 कंप्यूटर है। चूंकि ट्रॉयल पहले 100 बच्चों पर करना था, इसलिए इन स्टूडेंट्स को हर विषय अपलोड करके ऑनलाइन दिया गया। बच्चों को टैबलेट्स घर लेकर जाने की भी इजाजत दी गई। स्कूल में वाईफाई की स्पीड बढ़वाई गई ताकि स्टूडेंट्स को कोई भी नोट्स डाउनलोड करने, उसे पढ़ने में कोई दिक्कत न आए। टीचर्स ने बच्चों का समय समय पर टैस्ट लिया तो रिजल्ट शानदार रहा। इससे अब हमारा हौंसला और बढ़ा, इसलिए हम इसे अागे अन्य स्टूडेंट्स पर अप्लाई करने जा रहे हैं।
इससे पहले डिजिटल क्लास रूम भी तैयार कर चुका है स्कूल : ई बस्ता प्रोजेक्ट के अलावा राज्य का पहला डिजिटल क्लास रूम भी यह स्कूल तैयार कर चुका है। यह काम भी स्कूल ने बगैर सरकारी मदद के खुद फंड जुटा कर किया है। स्कूल लेक्चरर बलविंदर सिंह के मुताबिक स्कूल में तो स्टूडेंट सिर्फ 6 घंटे तक पढ़ाई करते हैं, लेकिन डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से स्टूडेंट्स हफ्ते के 7 दिन और 24 घंटे पढ़ाई करेंगे। इसके तहत स्टूडेंट्स को किसी भी समय असाइनमेंट्स के साथ-साथ अन्य नोट्स दिए जाते हैं। किसी भी स्टूडेंट के दिमाग में जब भी कोई सवाल आता है तो वो तुरंत इस डिजिटल क्लास के जरिए मैसेज करेगा तो तुरंत सवाल का जवाब दिया जाता है। इस डिजिटल क्लास में जाने के लिए टीचर क्लास रूम क्रिएट करता है। इसके बाद एक कोड स्टूडेंट्स को दिया जाता है। उसके बाद यह कोड भरकर स्टूडेंट्स नोटिस देख सकता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More