पहली बार किन्नर अखाड़े ने किया अमरत्व स्नान

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प्रयागराज (इलाहाबाद). कुंभ के इतिहास में पहली बार मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को महाकाल के उपासक किन्नर अखाड़े ने शाही स्नान किया। इससे पहले जूना अखाड़े के साथ भव्य पेशवाई निकाली गई।
रथ, बग्घी पर सवार होकर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी व अन्य महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर त्रिवेणी तट पहुंचे। यहां जूना अखाड़े के संतों के साथ संगम में मोक्ष की कामना के लिए डुबकी लगाई और भगवान सूर्य की उपासना की।
अखाड़ा परिषद से मान्यता न मिलने के बाद किन्नर अखाड़े को देश के सबसे बड़े अखाड़ा जूना अखाड़े में सम्मिलित करने पर सहमति बनी थी। बीते शनिवार को जूना अखाड़े के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि जी महाराज के बीच यमुना बैंक रोड स्थित मौजगिरि मंदिर में हुई बैठक के बाद एक-दूसरे की परंपराओं व अनुष्ठानों में शामिल होने संबंध में निर्णय लिया गया था। दोनों अखाड़ों के बीच कचहरी में अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए थे।
पहला मौका जब जूना अखाड़े संग निकला किन्नर अखाड़ा
इसके मुताबिक किन्नर अखाड़ा, जूना अखाड़े के साथ-साथ रहेगा और एक दूसरे की परंपराओं, अनुष्ठान में शामिल होगा। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दो टूक कहा था कि किन्नर अखाड़ा बना रहेगा। साथ ही आचार्य सहित सभी महामंडलेश्वर अपने-अपने पदों पर पूर्व की भांति बने रहेंगे। इतना ही नहीं वह अपनी किसी भी परंपरा को नहीं छोड़ेंगे।
किन्नर अखाड़ा देवत्व यात्रा यानी अमरत्व स्नान सहित अन्य परंपराओं का निर्वाह करेगा। जूना अखाड़े के साथ मंगलवार को किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पेशवाई निकाली और त्रिवेणी में शाही स्नान किया। यह पहला मौका था जब किन्नर अखाड़े ने कुंभ में शाही स्नान किया है।

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