कर्नाटक -सिद्धगंगा मठ के महंत शिवकुमार स्वामी का निधन

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कर्नाटक में तुमकुरु स्थित सिद्धगंगा मठ के प्रमुख डॉ. शिवकुमार स्वामी का 111 साल की उम्र में न‍िधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार थे और उनका मठ में ही इलाज चल रहा था. उनके निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है.
इसके अलावा कल पूरे राज्य में सरकारी छुट्टी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर शिवकुमार स्वामी को श्रद्धांजलि दी.
उनके अंतिम दर्शन करने के लिए मठ में VIP लोगों का तांता लगा हुआ है. सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस. येदियुरप्पा, सदानंद गौड़ा शिवकुमार स्वामी का हालचाल लेने पहुंचे थे. इससे पहले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर मठ भी यहां का दौरा कर चुके हैं.
इसी दौरान राज्य के गृहमंत्री एमबी पाटिल सिद्धगंगा मठ पहुंचे और स्वामी जी के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जगदीश शेट्टार भी मठ पहुंचे थे.
जगदीश शेट्टार ने कहा था कि डॉ. शिवकुमार स्वामी सुपर ह्यूमन हैं. तुमकुरू आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार की ओर से स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं. ये बसें राज्य के अलग-अलग शहरों से चलाई जाएंगी, ताकि श्रद्धालुं स्वामी के अंतिम दर्शन कर सकें.
कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदुयुरप्पा ने ट्वीट करते हुए ल‍िखा क‍ि राष्ट्र ने एक महान हस्ती खो दी है. उनका जाना एक बड़ा नुकसान है. उन्होंने वह पूरा जीवन ज‍िया जो इतिहास में अद्वितीय है. वह 90 साल तक काम करते रहे.
मठ परिसर में पुलिस सुरक्षा कड़ी
मठ में भक्त भी जमा हैं लेकिन उनको स्वामी जी के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही थी. स्वामी के निजी डॉक्टर डॉक्टर परमेश पहले ही कह चुके थे कि उनको वेंटीलेटर पर रखा गया है और अनुयायियों से आग्रह किया है कि उनके दर्शन करने के लिए मठ न आएं. सिद्धगंगा मठ परिसर में पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
पित्ताशय और यकृत की बाईपास सर्जरी
गौरतलब है कि पिछले महीने चेन्नई के एक निजी अस्पताल में स्वामी जी के पित्ताशय और यकृत की बाईपास सर्जरी की गई थी. बाद में उनको बेंगलुरु लाया गया था. वहां से उन्हें तुमकुरु के सिद्धगंगा मठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कौन हैं महंत डॉ. शिवकुमार स्वामी?
कर्नाटक के सभी 30 जिलों में मठों का जाल फैला हुआ है. जातीय समीकरण के लिहाज से मठों का अपना प्रभुत्व और दबदबा है जो राजनीतिक दलों को उनकी ओर आकर्षित करता है. राज्य में सबसे अधिक दबदबे वाले लिंगायत समुदाय की संख्या 18 फीसदी है. इस समुदाय का मुख्य मठ सिद्धगंगा बेंगलूरू से लगभग 80 किलोमीटर दूर तुमकुरु में है. इस मठ को भाजपा समर्थक माना जाता है.
भारत रत्न देने की उठ चुकी है मांग
पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता बीएस येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टार के बाद वर्तमान सीएम एचडी कुमारस्वामी ने भी सिद्धगंगा मठ के प्रमुख डॉ. शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न देने की मांग की थी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार को तुमकुरु सिद्धगंगा मठ के 111 साल के महंत शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए. कुमारस्वामी ने साल 2006 में भी स्वामी को उनके अच्छे काम के लिए भारत रत्न देने की सिफारिश की थी. अगर जरूरी हुआ तो इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से म‍िलने की बात भी कही थी.

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