विवाहिता को चिता पर जिंदा जला रहे थे ससुराल वाले, पुलिस ने पहुंचकर बचाया

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आरा. शादी के 18 साल बाद भी महिला को बच्चा नहीं हुआ तो ससुराल वालों ने पहले उसे पीट-पीटकर बेहोश किया, फिर इसी हालत में उसका अंतिम संस्कार करने सारिकपुर घाट तक लेकर चले गए।

 

चिता में आग लगाने से पहले ही ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो महिला बेहोशी की हालत में चिता पर पड़ी हुई थी और ससुराल वाले वहां से फरार हो चुके थे।
पुलिस ने देखा तो महिला की सांस चल रही थी। आनन-फानन में संदेश थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष अवधेश प्रसाद सिंह एवं एएसआई कैसर अली चिता से उतारकर संदेश रेफरल अस्पताल ले गए।
जहां महिला को भर्ती कराया गया। उसकी पहचान संदेश थाना क्षेत्र के संदेश गांव के रविंद्र ठाकुर की पत्नी लक्ष्मी देवी के रूप में हुई। उसका मायके बचरी गांव का है वह भगवान ठाकुर की बेटी है।
घटना के बाद संदेश रेफरल अस्पताल में उसके मायके के लोग पहुंच गए, जबकि पति तथा ससुर घर से गायब है। महिला नि:संतान है। इसको लेकर ससुर और पति अक्सर मारपीट करता था।
अर्द्ध बेहोशी की हालत में महिला ने बताया कि पति और सास-ससुर हमेशा मारपीट करते हैं। सोमवार को तीनों ने मिलकर पिटाई की और सिर को दीवार से टकरा दिया। जब आंख खुली तो खुद को चिता पर पाया।
मुंह खोलने को तैयार नहीं थे बालू घाट के मजदूर व ठेकेदार
सारीकपुर बालू घाट पर सोमवार को एक विवाहिता को जिंदा चिता पर जलाने की हैवानियत भरी तैयारी चल रही थी। यह तो तय था कि सोमवार की शाम जो लोग सारिकपुर बालू घाट के पास विवाहिता को लेकर आए थे और जिन्होंने तेजी से लकड़ी का चिता बनाने में लगे हुए हैं वह निश्चित तौर पर उनके परिजन एवम इष्ट मित्र होंगे।
करीब 1 घंटे से सब कुछ चल रहा था विवाहिता का शादी का जोड़ा चूड़ियां सिंदूर एवं अन्य सामान भी वहां उपस्थित था बस आग जलाने की देर थी लेकिन इसकी भनक संदेश पुलिस को लग गई थी। लेकिन,
पुलिस के पहुंचने से पहले ही परिवार के लोग फरार हो चुके थे। घाट पर खड़े लोगों से पुलिस ने काफी पूछताछ की। मजदूर ठेकेदार सभी से पूछा लेकिन किसी ने मुंह नहीं खोला।
महिला की शादी साल 2001 में हुई थी। शादी के कई वर्षों तक जब उसे कोई संतान नहीं हुआ तो उसके सास-ससुर ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इन सब में उसका पति भी पूरा साथ देता है। उसने इसकी जानकारी अपने मायके वालों को दी।
इससे परेशान होकर जब मायके वाले लोग उसके ससुराल पहुंचे तो उन लोगों ने कहा कि अब प्रताड़ित नहीं करेंगे। कुछ दिनों तक प्रताड़ित करना छोड़ दिया। हालांकि फिर बाद में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।
महिला की शादी साल 2001 में हुई थी। शादी के कई वर्षों तक जब उसे कोई संतान नहीं हुआ तो उसके सास-ससुर ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इन सब में उसका पति भी पूरा साथ देता है।
उसने इसकी जानकारी अपने मायके वालों को दी। इससे परेशान होकर जब मायके वाले लोग उसके ससुराल पहुंचे तो उन लोगों ने कहा कि अब प्रताड़ित नहीं करेंगे। कुछ दिनों तक प्रताड़ित करना छोड़ दिया। हालांकि फिर बाद में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।

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