भारत जल्द ही चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करेगा: PM मोदी

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वाराणसी.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों की यात्रा को आसान बनाने के लिए कई अहम कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करेगा।
मोदी ने कहा, “अब तो एक कदम आगे बढ़ाते हुए चिप-आधारित ई पासपोर्ट जारी करने की दिशा में काम चल रहा है। इसके लिए वैश्विक पासपोर्ट सेवा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इससे पासपोर्ट सेवा से जुड़ा एक केंद्रीकृत प्रणाली तैयार होगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा- सरकार प्रवासी भारतीयों के लिए पीआईओ, वीजा और ओसीआई कार्ड को सोशल सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिससे वीजा जारी करने की प्रक्रिया सरल हो सके।
मोदी ने कहा- काशी और प्रवासियों में एक समानता है। काशी भारत के संस्कृतिक और दार्शनिक ज्ञान से दुनिया को चिरकाल से परिचित कराती रही है। प्रवासी भी दुनिया को भारत की ऊर्जा से परिचित करा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में 150 देशों के 5000 से ज्यादा प्रवासी भारतीय शामिल हुए। इससे पहले सोमवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तीन दिवसीय (21 से 23 जनवरी तक) प्रवासी सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘पहले लोग कहते थे कि भारत बदल नहीं सकता, हमने यह सोच बदल दी। दुनिया आज हमारे सुझावों को गंभीरता के साथ सुन और समझ रही है। पर्यावरण की सुरक्षा और विश्व की प्रगति में दुनिया भारत का योगदान स्वीकार कर रही है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से दुनिया को हम वन सन, वन ग्रिड की ओर ले जाना चाहते हैं। हम रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और सबका साथ-सबका विकास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था- दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो लोगों तक 15 पैसे पहुंचते हैं। 85 पैसे छूमंतर हो जाते हैं। एक पार्टी ने जितने साल शासन किया, उस पार्टी की बीमार शासन व्यवस्था को तो उन्होंने स्वीकार किया, लेकिन इसका इलाज नहीं किया। हमने 85 पैसे की इस लूट को शत प्रतिशत खत्म कर दिया। बीते साढ़े चार साल में करीब 5 लाख 80 हजार करोड़ रुपए (80 बिलियन डॉलर) सीधे लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए। ये सुधार पहले भी हो सकता था लेकिन नीयत नहीं थी, इच्छाशक्ति नहीं थी।’’
कार्यक्रम के दौरान सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी नृत्यनाटिका प्रस्तुत करेंगी। माॅरीशस की लेखिका रेशमी रामधोनी की किताब ‘प्राचीन भारत की संस्कृति और नागरिकता’ का विमोचन भी किया जाएगा। इस साल के प्रवासी सम्मेलन का विषय ‘नये भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका’ है। कार्यक्रम में प्रविंद जगन्नाथ मुख्य अतिथि, नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी विशिष्ट अतिथि और न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बख्शी गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2009 में की थी। यह हर दो साल में होता है। पहला कार्यक्रम 9 जनवरी को किया गया था। दरअसल, 1915 में इसी तारीख को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। लिहाजा सरकार ने 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाने का फैसला लिया।
इस बार इसकी तारीखों में बदलाव किया गया। इसका मकसद यहां आने वाले प्रवासियों को कुंभ मेले की भव्यता से परिचय कराना है।

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