सीबीआई मे पहली बार हो सकती है महिला डायरेक्टर, फैसला कल

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मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अफसर रीना मित्रा का नाम उन 12 अफसरों की सूची में शामिल है, जिनमें से किसी एक को अगला सीबीआई डायरेक्टर बनाया जा सकता है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में गुरुवार को सिलेक्शन कमिटी की बैठक होगी, जिनमें इन अफसरों के नामों पर चर्चा होगी।
मित्रा की जड़ें पश्चिम बंगाल से जुड़ी रही हैं। वहीं, गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा और नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के डीजी वाईसी मोदी का नाम भी इस पद के लिए आगे चल रहा है। ये दोनों ही अफसर पीएम नरेंद्र मोदी के नजदीकी माने जाते हैं।
द टेलिग्राफ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पीएमओ को इस बात का संज्ञान है कि इन दोनों अफसरों की नजदीकी विवाद बन सकता है। वहीं, अगर मित्रा को यह भूमिका मिलती है तो वह सीबीआई की अगुआई करने वाली पहली महिला अफसर होंगी। 1983 बैच की आईपीएस अफसर फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय में बतौर स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्युरिटी) तैनात हैं। मित्रा का पलड़ा इसलिए भारी माना जा रहा है क्योंकि उनका रिकॉर्ड साफ सुथरा रहा है। वह विवादों से दूर रही हैं और वह सीबीआई के साथ बतौर सुप्रीटेंडेंट 5 साल काम कर चुकी हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए एनआईए डायरेक्टर का नाम भी आगे चल रहा है, लेकिन उनका सरनेम मोदी आलोक वर्मा को पिछले महीने डायरेक्टर पद से हटाने के बाद उपजे विवाद की वजह से इस बात में रोड़ा बन सकता है।
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सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, सरकार अफसरों के चुनाव को लेकर हुई आलोचना से निपटने के लिए ‘जेंडर कार्ड’ खेल सकती है। अधिकारी का कहना है कि सीबीआई इस वक्त विश्वसनीयता खो चुका है, ऐसे में एनडीए सरकार एक महिला अफसर को शीर्ष पद पर तैनात करके जेंडर कार्ड खेलने में कथित तौर पर उत्सुक दिख रही है।
केंद्र पहले भी निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाकर यह संदेश दे चुका है कि वह ऐसा करने वाली पहली सरकार है, ऐसे में सीबीआई चीफ की नियुक्ति में ऐसा दोहराया जा सकता है। अधिकारी की मानें तो आम चुनाव से ऐन पहले इस कदम के जरिए सरकारी राजनीतिक फायदा उठा सकती है।

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