करतारपुर कॉरिडोर : बचकाना बताया पाकिस्तान ने भारत के जवाब को ,

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भारत और पाकिस्तान में रहने वाले सिख समुदाय की धार्मिक आस्था के लिए अहम करतारपुर गलियारे को लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ गई है. पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के समझौते को अंतिम रूप देने के प्रस्ताव पर भारत के जवाब को बचकाना बताया है और कहा कि इस्लामाबाद का जवाब परिपक्व होगा. भारत ने कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को यहां आना चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा कि इस्लामाबाद ने समझौते से जुड़े विस्तृत प्रस्ताव को साझा करते हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रण भेजा था, ताकि इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा सके. लेकिन पाकिस्तान की पहले पर सकारात्मक जवाब देने के बजाय भारत ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने को कहा और इस बैठक के लिए दो संभावित तारीखें- 26 फरवरी और 7 मार्च सुझाई गईं.
फैसल ने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में कहा, ‘जहां तक भारत के जवाब की बात है तो उसने बचकाने तरीके से खेदजनक बर्ताव किया है। हमने पहले भी, सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान के पत्र पर भारत की ओर से इसी तरह का जवाब प्राप्त किया. भारत के रुख के उलट पाकिस्तान इस अति महत्वपूर्ण मसले पर बहुत परिपक्व तथा सोचा-समझा जवाब देगा और भारत की पहल पर बहुत जल्द प्रतिक्रिया देगा.’
गौरतलब है कि बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ेगा. माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम दिन करतारपुर में गुजारे थे. इस गलियारे के खुलने के सिख श्रद्धालुओं को इस ऐतिहासिक धर्मस्थल के दर्शन करने का मौका मिलेगा जहां गुरूनानक देव ने अपने अंतिम 18 साल गुजारे.
इस बीच फैसल ने आरोप लगाया कि भारत की तरफ से पिछले वर्ष संघर्ष विराम के उल्लंघन के 2300 मामले सामने आए और यह मामले और बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत की तरफ से बिना उकसावे के की जाने वाली फायरिंग का माकूल जवाब दे रहा है. फैसल ने कहा कि अगर वह (भारत) शांति की भाषा बोलेगा तो हम शांतिपूर्ण तरीके से जवाब देंगे और अगर गोली की भाषा बोलता है तो हम गोली से जवाब देंगे.
वहीं 17 जनवरी को पाकिस्तानी जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों की नाव डूबाने के भारत के आरोप को फैसल ने खारिज किया. बता दें कि 19 जनवरी को भारत की ओर से जारी एक नोट में कहा गया था कि पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) द्वारा मछुआरों की नाव पर गोलीबारी कर उसे डुबाया गया. भारत ने इस घटना को निंदनीय और अव्यावहारिक बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. जबकि भारती तटरक्षकों ने सुदामा पुरी नामक इस नाव में सवार 6 मछुआरों को बचा लिया, वहीं 1 का कोई पता नहीं लगा.
फैसल ने भारत के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जिस क्षेत्र में यह घटना होने की बात कही जा रही है वहां पीएमएसए ऑपरेट ही नहीं करता. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के एक्सक्लूजिव इकोनॉमिक जोन में भारतीय मछुवारे अक्सर अवैध रूप से मछलियां पकड़ते हैं.फैसल ने कहा कि पीएमएसए अंतराष्ट्रीय नियमों के तहत इन इलाकों में एंटी-पोचिंग ऑपरेशन चलाता है.

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