पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर पार्टी में अपने विराेधियों के खिलाफ बयान दिया है।
गणतंत्र दिवस पर राजद कार्यालय पहुंचे तेज प्रताप ने कार्यालय के मुख्य द्वार (मेन गेट) को बंद पाया। किसी तरह ताला खुलवाने के बाद जब अंदर गए तो आगे कार्यालय का गेट बंद मिला।
तेज प्रताप यादव ने इसे प्रदेश राजद अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को जिम्मेदार ठहराते हुए औकात में रहने की चेतावनी दी।
पहुंचने पर बंद था राजद कार्यालय का मेन गेट
जानकारी के अनुसार रोज की भांति गणतंत्र दिवस पर तेज प्रताप यादव जब अपना जनता दरबार लगाने पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित राजद कार्यालय पहुंचे, तब मुख्य द्वार का ताला बंद था।
तेज प्रताप यादव ने करीब आधे घंटे तक गंट पर इंतजार करते हुए कई जगह फोन किए, लेकिन ताला नहीं खोला गया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश राजद अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को भी फोन लगाया।
लंबे इंतजार के बाद किसी तरह ताला तो खुला, लेकिन अंदर जाने पर कार्यालय का गेट भी बंद मिला। इस कारण वे जनता दरबार नही लगा पाए और गरज-बरस कर लौट गए।
बोले: किसी के रोके नहीं रुकेगा तेजप्रताप
घटना से भड़के तेज प्रताप यादव ने इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि किसी की औकात नही जो उनकी एंट्री रोक दे।
तेज प्रताप ने रामचंद्र पूर्वे को चेतावनी दी कि उन्हें पार्टी में रहना है तो सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। तेज प्रताप ने कहा कि उनकी लोकप्रियता से घबराए कुछ लोग उन्हें रोकना चाहते हैं, लेकिन वे किसी के रोकने से रुकने वाले नहीं हैं।
वे इसकी शिकायत लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव से करेंगे।
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बड़ा सवाल: किसके आदेश पर बंद किया हमेशा खुला रहने वाला द्वार?
घटना को लेकर रामचंद्र पूर्वे की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं मिली है। वैसे, सवाल यह है कि जब गणतंत्र दिवस पर राजद कार्यालय का मुख्य द्वार हमेशा खुला रहता था, तो इस साल क्यों और किसके आदेश पर बंद किया गया?
बड़ा सवाल यह भी है कि क्या यह तेज प्रताप के लिए राजद कार्यालय में ‘नो एंट्री’ की साजिश थी?