बेतिया के जंगल में तस्कर और शिकारियों ने हमला कर होमगार्ड के दो जवानों को कुल्हाड़ी से काट डाला

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बिहार/बेतिया। वीटीआर के जंगल में तस्कर व शिकारियों के गिरोह ने वन विभाग की टीम पर रविवार को अहले सुबह हमला बोल दिया। वीटीआर की टीम में शामिल होमगार्ड के दो जवानों को हमलावरों ने मौके पर ही मार डाला।
मरने वालाें में अर्जुन यादव, साकिन जूडापकडी, थाना -भैरोगंज, पुलिस जिला-बगहा अाैर हीरालाल कुशवाहा साकिन मलपुरवा, थाना -बगहा नगर का नाम शामिल है।
घटना वीटीआर के हरनाटांड़ वनक्षेत्र स्थित गोबरिया वन परिसर (नौरंगिया बीट ) में कक्ष संख्या एन/28 में हुई है। वीटीआर की टीम में शामिल अन्य जवानों ने भागकर किसी तरह जान बचाई। घटनास्थल पर पहुंचे वीटीआर के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि
मंजुराहा सोता के पास वन विभाग की टीम पर शिकारियों ने हमला बोल दिया। टीम को जानकारी मिली थी कि उक्त स्थल के आसपास शिकारियों ने वन्य जीवों को फंसाने के लिए जाल बिछा रखा है। टीम ने छापेमारी की। इसी दौरान संगठित शिकारियों ने हमला बोल दिया। घटना की जांच कराई जाएगी। हमलावर बख्शे नहीं जाएंगे।
घटना की सूचना के बाद बगहा के एसपी अरविन्द गुप्ता, एसडीएम घनश्याम मीना, सीएफ हेमकांत रॉय, डीएफओ गौरव ओझा,एएसपी अभियान धर्मेंद्र झा, रामनगर एसडीपीओ रणधीर कुमार सिंह ने घटनास्थल का जायजा लिया। फिलहाल अबतक मामले में किसी की गिरफ्तारी नही हो सकी है।
इलाके की नाकेबन्दी कर अभियान शुरू कर दिया गया है। डीएफओ बोले – शिकारियों ने लगा रखा था जाल। इसे बरामद करने के लिए वीटीआर की टीम प्रतिनियुक्त होमगार्ड जवानों के साथ पहुंची थी। इसी क्रम में शिकारियों व वन तस्करों ने संगठित रूप से हमला बोल दिया।
सात की संख्या में होमगार्ड के जवान वाल्मीकि रिजर्व के नौरंगिया वन परिसर के कक्ष संख्या एन 28 में गए थे। शहीद हुए जवान का नाम अर्जुन यादव और हीरालाल कुशवाहा है। जब शिकारियों से सामना हुआ तो एक शिकारी को जवानों ने गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए साथी को छुड़ाने के लिए शिकारियों ने हमला बोल दिया। लाठी के सहारे होमगार्ड ड्यूटी कर रहे थे।शिकारी धारदार हथियार से लैश थे। दो साथी के मरने के बाद पांच जवान मौके से जान बचाकर भाग निकले। जवानों के साथ छापेमारी में वन विभाग का कोई अधिकारी मौजूद नही था।
बता दें कि वीटीआर प्रशासन की ओर से वन तस्करों की नकेल कसने के सभी डिविजन में लिए एंटी पोचिंग कैंप लगाया गया है जिसमें पांच से छह प्रशिक्षित कर्मी बहाल किए गए हैं। इन एपीसी के होने के बावजूद भी वन तस्कराें का इस प्रकार वन क्षेत्र में प्रवेश करना वन प्रशासन की सुरक्षा की पोल खोलने के लिए काफी है।
सभी वन डिविजन में एपीसी और कई वन क्षेत्रों मे लाखों खर्च कर वॉच टावर लगाया गया है लेकिन सुरक्षा के मामले में अभी भी वीटीआर के वन क्षेत्रों में एपीसी सेंटर कामयाब होते प्रतीत नहीं हो रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में वीटीआर प्रशासन ने वन क्षेत्रों की पूरी सुरक्षा के लिए पांच सदस्यीय 30 सेफ्टी ग्रुप तैयार किया था जिसमें प्रशिक्षित वनकर्मियों को शामिल किया गया था जिससे यह आशा जगी थी कि
वीटीआर के वन क्षेत्रों की अब पूरी तरह से सुरक्षा की जा सकेगी लेकिन होमगार्ड के दो जवानों को वन तस्करों के द्वारा कुल्हाड़ी से वार का हत्या कर देने की वारदात ने इस सेफ्टी ग्रुप की सक्रियता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
बेहतर सुरक्षा के लिए वीटीआर प्रशासन ने चौबीस गुणा साल फामुर्ले के अाधार पर अपने कर्मियों को गश्त लगाने का निर्देश जारी किया है लेकिन इस घटना से इतना तो स्पष्ट हो रहा है कि यह फार्मुला फिलहाल कारगर साबित नहीं हो रहा है। अगर इस के अाधार पर गश्त की परिपाटी पूरी की गयी होती तो शायद पोचर्स गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सकता था।

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