छत्तीसगढ़/रायपुर। सरकार बनाने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के कलेक्टर व एसपी की कांफ्रेंस ली। 27 जिलों के अफसरों की यह मीटिंग तीन घंटे चली। एजेंडे में 26 मुद्दे थे। हल्के-फुल्के माहौल में मीटिंग शुरू कर सीएम ने कभी घुड़की दी तो कभी काबिल अफसरों की तारीफ भी की।
इन्हीं तीन घंटों में उन्होंने इशारों में तय कर दिया कि अगले पांच सालों के लिए सरकार की लाइन ऑफ एक्शन क्या होगी। बघेल ने यह भी स्पष्ट किया कि फरियादी छोटी-छोटी शिकायतें लेकर सीएम के जनदर्शन में आ रहे हैं। जिले, तहसील, एसडीएम दफ्तर से लेकर थाने के स्तर की अर्जियां मंत्रियों तक आ रहीं हैं। इसका मतलब है कि कलेक्टर-एसपी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी की लापरवाह अफसर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सर्किट हाउस में चली इस मीटिंग के दौरान सीएम ने कुछ कलेक्टरों से वन-टू-वन बात भी की। सीएस सुनील कुजूर ने पहले उद्बोधन दिया। पूरी मीटिंग में मुख्यमंत्री का फोकस जन-घोषणा पत्र पर था। उन्होंने अफसरों से कहा, इन तमाम योजनाओं पर सही तरीके से अमल करवाएं। कलेक्टरों को आम आदमी की परेशानियों को समझनी चाहिए। खासकर गांवों की योजना को सरकारी नहीं, बल्कि लाभकारी बनाने पर फाेकस करें।
नामांतरण, बंटवारा और गलत एफआईआर की शिकायत आई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे: मुख्यमंत्री
नामांतरण, बंटवारा और थाने में गलत एफआईआर का काम अगर मुख्यमंत्री के पास आएगा तो जाहिर है, कलेक्टर-एसपी के काम ठीक नहीं है। जनहित के काम में किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समस्याओं को ढंकने या उसे मैनेज करने के बजाए समस्याओं का स्थायी हल निकालने का प्रयास करें। मुझे आप लोगों पर भरोसा तो है लेकिन
मैं काम लेना भी जानता हूं। ‘नरवा, घुरवा, गरवा और बाड़ी’ से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदलना है। जब ये ठीक होगा तो ही किसान आत्महत्या नहीं करेंगे। उनकी बाड़ियों में सब्जी, भाजी, फल-फूल होंगे तो वे बेच सकेंगे। कलेक्टरों को आम आदमी की परेशानियों को समझना चाहिए। फॉरेस्ट एक्ट का भी कड़ाई से पालन होना चाहिए। गोठान क्षेत्र को चिह्नांकित करने का काम प्राथमिकता से करें। गांवों की योजना को सरकारी नहीं बल्कि लाभकारी बनाना है। -भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री