कुंभ में पहली बार किन्नर भागवत कथावाचक; 10वीं पास हिमांगी

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प्रयागराज. कुम्भ में किन्नर समाज एक और इतिहास रचने जा रहा है। शाही पेशवाई के साथ कुंभ में शामिल होने के बाद अब पहली बार किन्नर समाज की हिमांगी सखी भागवत कथा सुनाएंगी।
सेक्टर 14 स्थित भारत साधु समाज के शिविर में 2 फरवरी से कथा शुरू होगी। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हेमांगी मॉरीशस, सिंगापुर, थाईलैंड समेत कई देशों में भी भागवत कथा सुना चुकी हैं।
  • मुम्बई अंधेरी की रहने वाली हिमांगी सखी बताती हैं कि 18 वर्ष की आयु में वह पहचान छिपाकर वृंदावन पहुंचीं। यहां इस्कॉन मंदिर में शास्त्रों का अध्ययन किया। वह 10वीं पास हैं। पांच वर्ष तक इस्कॉन से जुड़े रहने के बाद जब गुरु को उनकी असलियत पता चली तो इस्कॉन छोड़ना पड़ा। हिमांगी किन्नर समाज की पहली कथावाचक है। कुंभ में पहली बार किन्नर समाज से हिमांगी भागवत कथा सुनाएंगी। वह 20 सालों से भागवत कथा सुना रही हैं।

  • मुंबई में पहली बार और अब तक 25 बार कथा सुना चुकीं

    हिमांगी सखी बताती हैं कि मुंबई में पहली बार कथा सुनाई थी तब 150 श्रोता सुनने के लिए पहुंचते थे। अब वह विदेशों में कथा सुनाने जाती हैं। हिमांगी अब तक देश-विदेश में 25 बार कथा सुना चुकी हैं। उन्होंने बताया वह इंग्लिश, गुजराती, पंजाबी, हिंदी समेत 5 भाषा में कथा सुनाती हैं। वेदव्यास प्रिया स्वामी गुरु हैं। हिमांगी कहती हैं कि कथा सुनाने के लिए वह कोई फीस नहीं लेती हैं। जो प्रसाद या चढ़ावे में आता है उसी से जीवन-यापन करती हूँ।

  • परिवार की जिम्मेदारी उठाई, कृष्ण को समर्पित कर दिया जीवन

    एक प्रतिष्ठित परिवार में 1977 में पैदा होने वाली हेमांगी का पहले नाम हेमंत पांचाल था। 7 वर्ष की आयु में उनके ड्रिस्टीब्यूटर पिता राजेंद्र प्रसाद पांचाल का निधन हो गया था। 17 वर्ष की आयु में पेशे से चिकित्सक उनकी मां का निधन हो गया। 1999 में अपनी छोटी बहन हिना की शादी के बाद हिमांगी ने पूरा जीवन कृष्ण को समर्पित कर दिया।

  • फिल्मों में भी कर चुकी हैं अभिनय

    हिमांगी सखी फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने आशुतोष राणा के साथ 2005 में रिलीज फिल्म “शबनम मौसी”, डाउन टाउन, दक्षिण की फिल्म थर्ड मैन और भोजपुरी फिल्म बाप रे बाप में भी काम किया है।

  • सरकार की पहल पर खुशी जताई
    हेमांगी सखी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से किन्नर समुदाय के अधिकार को दिए जाने के निर्णय पर खुशी जताई। वह कहती हैं कि सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए सकरात्मक कदम के चलते किन्नर समाज में परिवर्तन आ रहा है। यह भी बताया कि वह दिव्यांगों के लिए भी काम कर रही हैं।

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