ऋषि शुक्ला बने सीबीआई के नए चीफ

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नई दिल्ली. मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को नया सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। वे 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने उनकी सीधे नियुक्ति की है, जबकि
एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली चयन समिति की दूसरी बार बैठक बेनतीजा रही थी। इस पैनल में शामिल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नियुक्ति पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा है कि शुक्ला को भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच का अनुभव नहीं है।
पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र कुमार ने कहा, ”सीबीआई निदेशक के तौर पर शुक्ला का चयन सभी मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है। खड़गे का दावा तथ्यों से परे है। कांग्रेस नेता अपने पसंदीदा अफसर की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।” इससे पहले शनिवार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने शुक्ला के नाम को मंजूरी दी। बतौर सीबीआई निदेशक उनका कार्यकाल प्रभार संभालने के बाद से दो साल के लिए रहेगा।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जताई थी। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने केंद्र से कहा था कि यह पद संवेदनशील है, इस पर लंबे समय तक अंतरिम निदेशक रखना सही नहीं है। अब तक स्थाई निदेशक की नियुक्ति हो जानी चाहिए थी। सरकार यह क्यों नहीं कर रही? तब सरकार ने कोर्ट को बताया था कि चयन समिति की बैठक के बाद जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाए जाने के निर्णय के खिलाफ प्रशांत भूषण के एनजीओ कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सीबीआई डायरेक्टर के चयन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दूसरी बैठक में भी किसी नाम पर फैसला नहीं हो सका था। बैठक में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। केंद्र की ओर से जावेद अहमद, रजनीकांत मिश्रा, एसएस देसवाल, शिवानंद झा के नाम आगे बढ़ाए गए थे। लेकिन खड़गे ने उन पर आपत्ति जताई। बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। इससे पहले 24 जनवरी की बैठक भी बेनतीजा रही थी।
शुक्ला मूलत: ग्वालियर के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पोस्टिंग सीएसपी रायपुर हुई। वे दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिले के एसपी रहे। इसके अलावा 2009 से 2012 तक एडीजी इंटेलिजेंस भी रह चुके हैं। जुलाई, 2016 से जनवरी, 2019 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी थे। राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्हें मप्र पुलिस हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था।

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