पटना। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को गांधी मैदान में जन आकांक्षा रैली करेंगे। इसमें वे कांग्रेस के साथ विपक्ष की एकजुटता और बिहार में महागठबंधन की तस्वीर दिखाने की कोशिश करेंगे। राहुल दोपहर को तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत (राजस्थान), कमलनाथ (मध्यप्रदेश) और भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) के साथ पटना पहुंचे। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी रैली में मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस की रैली में मंच पर राजद नेता तेजस्वी यादव, एनडीए से अलग हुए रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी, लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के प्रमुख शरद यादव, विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश साहनी, सीपीआई के सत्यनारायण सिंह, सीपीएम के अवधेश कुमार और बिहार भाकपा-माले के कुणाल नजर आ सकते हैं।
कांग्रेस 28 साल बाद पटना के गांधी मैदान में रैली कर रही है। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष के रूप में राजीव गांधी ने 1989 में गांधी मैदान में रैली की थी। गांधी मैदान को भर पाना किसी भी पार्टी के लिए चुनौती होती है। बिहार कांग्रेस के नेता पिछले एक माह से सक्रिय रूप से रैली की तैयारी में जुटे थे। पार्टी नेताओं का दावा है कि गांधी मैदान में पांच लाख लोग जुटेंगे। पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस शहर से लेकर गांव तक गली-गली जाकर लोगों से रैली में आने की अपील कर रही है। रैली में भीड़ जुटाने में निर्दलीय विधायक अनंत सिंह भी कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। पटना के चौक-चौराहे को कांग्रेस के पोस्टर से पाट दिया गया है।
कांग्रेस की रैली को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया। रविवार सुबह छह बजे से रैली खत्म होने तक डाकबंगला चौराहे से गांधी मैदान तक प्रशासनिक और पासधारक वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों को आने नहीं दिया जाएगा। रामगुलाम चौक से जेपी गोलंबर तक वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक रहेगी। रैली में भारी तादाद में वाहन आएंगे। इसके लिए वेटनरी कॉलेज से जीरोमाइल तक कुल 17 पार्किंग स्थल बनाए गए है, जहां छोटे व बड़े 3300 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गई।
बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा करीब-करीब तय हो गया है। कुल 40 सीटों में से राजद 20 और कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी 10 सीटें महागठबंधन के अन्य दलों को दी जाएंगी। इसका औपचारिक ऐलान जल्द किया जाएगा। वाम दल कम से 3-4 सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अगर वाम दलों की सीट 4 की गईं तो इसके लिए हम और लोजद की एक-एक सीटें कम कर दी जाएंगी। ऐसे में हम से सिर्फ जीतनराम मांझी और लोजद से सिर्फ शरद यादव ही चुनाव लड़ पाएंगे।
एनडीए ने पिछले साल दिसंबर में ही सीटों का बंटवारा कर लिया था। भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) छह सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
पार्टी |
लोकसभा सीटें |
भाजपा |
22 |
लोजपा |
6 |
राजद |
4 |
कांग्रेस |
2 |
जदयू |
2 |
रालोसपा |
3 |
एनसीपी |
1 |
कुल सीटें |
40 |