1984 कानपुर सिख दंगों की जांच के लिए योगी सरकार ने बनाई SIT

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने कानपुर में साल 1984 के दौरान हुए दंगों को लेकर मंगलवार (पांच फरवरी, 2019) स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया है। यह जानकारी प्रिंसिपल सेक्रेट्री अरविंद कुमार ने यह जानकारी दी। यह चार सदस्यीय एसआईटी उन हालात की जांच-पड़ताल करेगी, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जिले में सिख विरोधी दंगे भड़के थे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी को एक अन्य जांच का आदेश भी दिया है, जिसमें नजीराबाद पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर और दंगों से जुड़ी अन्य शिकायतें शामिल हैं। एसआईटी की कमान यूपी के सेवानिवृत्त डीजीपी अतुल को सौंपी गई है।
उनकी टीम में सेवानिवृत्त एडिश्नल डायरोक्टर (प्रॉसिक्यूशन) योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव और सेवानिवृत्त जिला जज सुभाष चंद्र अग्रवाल हैं। इनके अलावा टीम में यूपी पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी शामिल होंगे।
मंगलवार (पांच फरवरी, 2019) को इस संबंध में आए आधिकारिक बयान के अनुसार, एसआईटी से छह महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। आधिकारिक रिकॉर्ड्स की मानें तो उन दंगों के दौरान देश भर में लगभग 2800 सिखों की जान चली गई थी।
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ऑल इंडिया रेडियो की एक रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर में तब कम से कम 125 लोग मारे गए थे। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख सुरक्षाकर्मी ने कर दी थी, जिसके बाद देश भर में यह सिखों के खिलाफ यह हिंसा भड़क उठी थी।


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