लोजपा सदस्य ने TMC महिला सांसद पर ताना मुक्का

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने के दौरान सोमवार को संसद में गहमागहमी हो गई। टीएमसी की एक महिला सांसद पर लोजपा की सांसद ने मुक्का तान दिया।
सत्ता पक्ष-विपक्ष के कई सांसदों के इकट्‌ठे होने के चलते प्रस्ताव पेश कर रहे हुकुमदेव नारायण सिंह को दूसरी जगह जाकर अपनी बात पूरी करनी पड़ी। इस दौरान हालात बेकाबू हाेते देख स्पीकर सुमित्रा महाजन को 10 मिनट के लिए कार्यवाही भी रोकनी पड़ी।
दरअसल, दोपहर करीब 2.20 बजे हुकुमदेव नारायण ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश करना शुरू किया। उस वक्त तृणमूल कांग्रेस के सदस्य स्पीकर के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे। टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार हुकुमदेव की सीट पर गईं और उनके माइक पर चौकीदार चोर है चिल्लाने लगीं। इसके बाद भाजपा के कुछ सांसद उस ओर बढ़े। स्पीकर ने भी अपरूपा को टोकते हुए कहा कि यह क्या तरीका है? इसके बाद वह फिर वेल में जाकर नारेबाजी करती रहीं।
इस दौरान हुकुमदेव ने बोलना जारी रखा। उन्होंने कहा, “यह धर्म-अधर्म की लड़ाई है, चोर और ईमानदार की लड़ाई है। एक तरफ उग्रवादी, भ्रष्टाचारी और आतंकवादी हैं, जो चौकीदार चोर है, चिल्ला रहे हैं।’ इस पर सपा के धर्मेंद्र यादव आपे से बाहर हो गए और तेजी से चिल्लाते हुए हुकुमदेव की सीट की ओर बढ़े। धर्मेंद्र जब चिल्ला रहे थे, उसी दौरान एक बार फिर से अपरूपा वहां पहुंची और चौकीदार चोर है के नारे लगाने लगीं। इस पर हुकुमदेव असहज हो गए।
इसी समय लोक जनशक्ति पार्टी की सांसद वीना देवी हुकुमदेव के समर्थन में वहां पहुंच गईं। उन्होंने टीएमसी की सांसद अपरूपा पर मुक्का तान दिया। हालांकि, दूसरी महिला सांसद भी वहां पहुंच गईं और दोनों को वहां से हटाया गया। उधर, अनुराग ठाकुर धर्मेंद्र यादव को पकड़कर उनकी सीट पर ले गए। सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
10 मिनट के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर हुकुमदेव ने सत्ता पक्ष में वित्त मंत्री और गृह मंत्री की सीटों की तरफ तीसरी कतार से भाषण पूरा किया। दूसरी बार जब भाषण शुरू किया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादी या उग्रवादी वे यहां के सांसदों को नहीं कह रहे हैं।
उन्होंने कहा- ‘राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और राम मनोहर लोहिया का जिक्र किया गया था और मोदी सरकार इन तीनों महापुरुषों के सिद्धांतों पर ही काम कर रही है। कांग्रेस और टीएमसी धन्यवाद प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा कराने की पक्ष में थी। दोनों दलों के सांसदों ने इसी वजह से चर्चा नहीं की।

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