कुंभ मे पहली बार बच्चों के लिए बनाया गया अस्थायी स्कूल

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प्रयागराज। कुंभ में दूसरे शहर और प्रदेशों से आए सफाई कर्मियों और मजदूरों के बच्चों के लिए सरकार ने पहली बार पांच अस्थायी प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था की है।
यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर हैं और मिड-डे-मील भी मिलता है। दो महीने की पढ़ाई फ्री रखी गई है। साथ ही लर्निंग कॉर्नर और आंगनबाड़ी केंद्र भी खोला गया है।
मेले में सेक्टर-2 में स्थापित प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक हितेश बताते हैं कि 15 दिसंबर से कुंभ मेला क्षेत्र में 5 सेक्टर्स में पांच अलग-अलग स्कूल चल रहे हैं। ये वे सेक्टर हैं, जहां मजदूर वर्ग के कैम्प बने हैं। चूंकि उनके माता-पिता रोज काम पर निकल जाते हैं, ऐसे में उनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ने आते हैं। यहां उन्हें ड्रेस, मोजे, जूते, बैग और किताबें दी गई हैं। उन्हें फल और दोपहर का खाना भी दिया जा रहा है।

इन स्कूलों में लर्निंग कॉर्नर बनाया गया है। यहां बच्चे प्रोजेक्टर के जरिए प्रैक्टिकल करते हैं और तरह-तरह की चीजें बनाते हैं। यह लर्निंग कॉर्नर बेहतर ढंग से सजाया गया है ताकि बच्चे नियमित रूप से स्कूल आने के लिए आकर्षित हों।
टीचर सुषमा कुशवाहा बताती हैं कि जब स्कूल यहां खोले गए तो हमें बस टेंट और जमीन उपलब्ध कराई गई थी। हमने यहां बागवानी कराई ताकि स्कूल देखने में अच्छा लगे। साथ ही सभी टीचर्स रोज जाकर बच्चों को इकट्ठा करते हैं और उन्हें स्कूल लाते हैं। हर स्कूल में 90 से 100 बच्चे पढ़ रहे हैं। सभी का आधार कार्ड के जरिए एडमिशन किया गया है।

हितेश बताते हैं कि जो मजदूर आए हैं, उनमें से कइयों के बच्चे अपने शहरों में पढ़ाई कर रहे थे। उनकी पढ़ाई न छूटे, इसलिए अस्थाई विद्यालय बनाए गए। साथ में आंगनबाड़ी की भी व्यवस्था है,

जहां छोटे बच्चों को तमाम तरह के गेम्स भी खिलाए जाते हैं। हर स्कूल में 5 से 6 टीचर्स हैं। छतरपुर से आया 7 साल का मातादीन बताता है कि वह वहां भी पढ़ाई कर रहा था, लेकिन उसे यहां की पढ़ाई अच्छी लगती है।

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