नई दिल्ली। राफेल डील पर कांग्रेस के आरोपों के बीच मोदी सरकार मंगलवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश करेगी। सरकार ने 2015 में फ्रांस की दैसो कंपनी से 36 राफेल विमान का सौदा किया। इस पर कांग्रेस लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है।
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अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। यह 16वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। ऐसे में बजट सत्र खत्म होने से एक दिन पहले सरकार लोकसभा में रिपोर्ट रखेगी। इससे पहले रविवार को कांग्रेस ने रिपोर्ट आने से पहले ही सवाल उठाए थे।
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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था- यह सीधे-सीधे हितों के टकराव का मामला है क्योंकि जिस समय मोदी सरकार ने 36 राफेल की खरीद का सौदा किया और यूपीए के वक्त के 126 राफेल की खरीद के सौदे को रद्द किया, उस समय राजीव महर्षि देश के वित्त सचिव थे। अब वही कैग के पद पर हैं।
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उन्होंने कहा था, “जिस अफसर (राजीव महर्षि) के देख-रेख में यह भ्रष्ट सौदा हुआ, वह अपने ही खिलाफ जांच कैसे करेंगे? यह तो वही बात हुई , मैं ही गलत, मैं ही जज।” सिब्बल ने कहा- महर्षि से कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि वह इसमें हुई गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच करेंगे।
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सिब्बल के आरोपों पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि यूपीए सरकार में दस साल मंत्री रहे लोग शासन की अज्ञानता से ग्रसित हैं। पूर्व मंत्रियों को यह तक नहीं पता कि वित्त सचिव केवल एक पद भर है जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है।”
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जेटली ने ट्वीट किया था- संस्थाओं को तोड़ने वाले अब झूठ के आधार पर कैग पर भी सवाल उठाने लगे।