जयपुर। सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में चार दिन पहले आरक्षण की मांग को लेकर रेल ट्रैक से शुरू हुआ गुर्जरों का आंदोलन अब सीकर, दौसा, झुंझुनूं, बूंदी और टोंक तक फैल गया है। मंगलवार को गुर्जरों के आराध्य देवनारायण की जयंती है। गुर्जरों ने हाईवे पर ही जयंती मनाने का ऐलान किया है।
यह भी कहा कि मांग स्वीकार न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। जयपुर-बयाना-धौलपुर की बसें भी बंद कर दी गई हैं। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलन को लेकर बैठक बुलाई। इस बैठक में गुर्जर समाज से जुड़े मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया। बैठक के बाद मंत्री अशोक चांदना ने कहा- बैठक में जो फैसला हुआ, उससे गुर्जर समाज को बड़ा फायदा होगा। माना जा रहा है कि बुधवार को राज्य सरकार विधानसभा में बड़ा ऐलान कर सकती है।
सोमवार को गुर्जरों ने जयपुर से जुड़ने वाले पांच सड़क मार्गों पर जाम लगाया था। इसके कारण जयपुर से सवाई माधोपुर, टोंक, आगरा समेत कई इलाकों के लिए रोडवेज बसें नहीं चलीं। जयपुर में 200 और अजमेर में 14 रोडवेज बसों का संचालन नहीं हुआ। 26 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। 10 से अधिक ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े। ऐसे में करीब एक लाख यात्रियों को परेशानी हुई। आंदोलन खत्म करने को लेकर सरकार की तरफ से भी कोई खास पहल नहीं हुई।
सोमवार रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत आला अफसरों की बैठक ली। इसमें गुर्जर आंदोलन की रोकथाम और समाधान पर चर्चा की गई। बैठक रात एक बजे तक चली। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को भी अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
मानवाधिकार आयोग भी आगे आया
राज्य मानवाधिकार आयोग ने आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा कि आमजन में भय का माहौल है। सरकार रेल और सड़क मार्ग खुलवाने के लिए उचित कार्रवाई करे। सरकार बताए कि वर्तमान में आंदोलन में शामिल लोगों पर कितने केस दर्ज हैं। इनमें से कितनों पर दंडात्मक कार्रवाई हुई। यह भी बताए कि वापस लिए गए केस दोबारा शुरू करने के लिए कोई कानून है या नहीं। गुर्जर आंदोलन के तहत 13 साल में 755 केस दर्ज किए गए। इनमें से 233 सरकार ने वापस ले लिए, जबकि 162 में पुलिस ने एफआर लगा दी। इन प्रकरणों में 8850 लोगों को आरोपी बनाया गया।
प्रशासन ने भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और टोंक में सुरक्षा बढ़ा दी है। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश से अतिरिक्त सुरक्षा बल मंगवाया गया है। आठ जिलों में राजस्थान सशस्त्र बल की 17 कंपनियों की तैनात की गईं। रेलवे स्टेशन और ट्रैक की भी सुरक्षा की जा रही है।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष भूरा भगत ने कहा, ‘‘सरकार का प्रतिनिधिमंडल सकारात्मक जवाब देने की बात कह कर गया था, लेकिन अब तक कोई संदेश नहीं आया। ऐसे में अब गुर्जर समाज को अपना आंदोलन तेज करना होगा।’’ इस बीच सरकार ने सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और सामाजिक न्याय विभाग मंत्री भंवरलाल मेघवाल की कमेटी बनाई है।
मांग पर अड़े गुर्जर
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गुर्जर समाज की मांग है कि सरकार सभी प्रक्रिया पूरी करके 5% आरक्षण बैकलॉग के साथ दे।
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24 सितंबर 2015 को विधानसभा में एसबीसी विधेयक पारित हुआ था।
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राज्य सरकार ने 16 अक्टूबर 2015 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू किया। ये 14 महीने चला और 9 दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने खत्म किया।
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हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण पर रोक के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।